नई दिल्ली: बिना इंजन के दौड़ने वाली भारत की पहली ट्रेन ने रविवार को टेस्टिंग के दौरान कमाल कर दिया। ‘ट्रेन 18’ नाम से चर्चित देश की पहली लोकोमोटिव (इंजन रहित) ट्रेन ने रविवार को परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा पार की। यह आधुनिक डिजायन वाली ट्रेन 100 करोड़ रुपये की लागत से बनी है। जब इसका संचालन शुरू होगा तो यह देश की सबसे तेज गति वाली ट्रेन बन जाएगी। ट्रेन की स्पीड देखकर रेल मंत्री पीयूष गोयल भी खुश हो गए और उन्होंने ‘जोर का झटका धीरे से लगा’ का कैप्शन लिखते हुए इसकी एक वीडियो शेयर की।
इस ट्रेन के निर्माण वाली ‘इंटीग्रल कोच फैक्टरी’ (ICF) के महाप्रबंधक एस मणि ने कहा, ‘‘ट्रेन 18’ ने कोटा-सवाई माधेापुर खंड में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की सीमा पार की। प्रमुख परीक्षण अब पूरे हो चुके हैं, बस कुछ अन्य बचे हैं। रिपोर्ट के आधार पर, अगर जरूरत पड़ी तो चीजों को और बेहतर किया जाएगा। फिलहाल कोई बड़ी तकनीकी समस्या सामने नहीं आई है। हमें उम्मीद है कि ‘ट्रेन 18’ जनवरी 2019 से अपना वाणिज्यिक संचालन शुरू करेगी। आमतौर पर, परीक्षण में 3 महीने का समय लगता है, लेकिन अब यह उम्मीद से तेज गति से हो रहा है।’
अधिकारियों ने कहा कि अगर सब ठीक रहता है तो ‘ट्रेन 18’ वर्तमान शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेगी। अगर पटरियां और सिग्नल जैसी भारतीय रेलवे प्रणाली का साथ मिले तो ‘ट्रेन 18’, 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने में सक्षम है। ICF इस वित्तीय वर्ष में इस तरह की एक तथा अगले वित्तीय वर्ष में 4 ऐसी ट्रेन पेश करेगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने यहां 29 अक्टूबर को इाईटैक, इंजन रहित ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इस ट्रेन में 16 डिब्बे होंगे और इसमें शताब्दी एक्सप्रेस के बराबर यात्री क्षमता होगी।
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