चेन्नई: इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा यहां सौ करोड़ रुपए की लागत से तैयार देश की पहली इंजन-रहित ट्रेन ‘ट्रेन 18’ का सोमवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने अनावरण किया। माना जा रहा है कि यह पुरानी शताब्दी ट्रेनों की जगह लेगी। आईसीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि लोहानी ने आईसीएफ परिसर में ट्रेन18 को झंडी दिखाकर रवाना किया। आने वाले महीनों में यह परीक्षणों के दौर से गुजरेगी।
PHOTOS: देखें भारत की पहली इंजन-रहित सबसे तेज ट्रेन, शताब्दी से कम समय में पहुंचाएगी
लोहानी ने कहा कि पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन ‘सेल्फ प्रपल्शन मॉड्यूल’ से चलेगी और अगर आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराया जाए तो इसमें देश की सबसे तेज गति से चलने वाली रेलगाड़ी बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि ट्रेन की पांच और इकाइयों का निर्माण वर्ष 2019-20 के अंत तक आईसीएफ द्वारा निर्माण किया जाएगा। कुल 16 कोच वाली यह ट्रेन सामान्य शताब्दी ट्रेन के मुकाबले करीब 15 प्रतिशत कम समय लेगी।
Train 18: Country's first engine-less train rolled out; Train 20 next
लोहानी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत ने पहली बार ऐसी ट्रेन का निर्माण किया है और वह भी आईसीएफ ने महज 18 महीने में इस काम को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि निर्माण वर्ष 2018-19 के अंदर ट्रेन की एक और इकाई का निर्माण हो जाएगा और चार और इकाइयों का उत्पादन निर्माण वर्ष 2019-20 के अंत तक कर लिया जाएगा आईसीएफ के मुताबिक यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है और शीघ्रता से गति पकड़ने वाली विशेषज्ञताओं से युक्त है। ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यात्री ड्राइवर के केबिन के अंदर देख सकते हैं। ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और ट्रेन 18 के मध्य में दो एक्जिक्यूटिव कंपार्टमेंट होंगे। प्रत्येक में 52 सीट होंगी। वहीं सामान्य कोच में 78 सीटें होंगी।
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