कश्मीर: पर्यटक गाइड ने जान देकर लिद्दर नदी से पांच लोगों की जान बचाई
‘कश्मीरियत’ की मिसाल पेश करते हुए एक पर्यटक गाइड ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में लिद्दर नदी से पश्चिम बंगाल के दो पर्यटक सहित पांच लोगों को बचाने के लिए जान दे दी।
श्रीनगर: ‘कश्मीरियत’ की मिसाल पेश करते हुए एक पर्यटक गाइड ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में लिद्दर नदी से पश्चिम बंगाल के दो पर्यटक सहित पांच लोगों को बचाने के लिए जान दे दी। पर्यटकों की नौका लिद्दर नदी में अचानक तेज हवाओं के झोंके में फंसने के बाद मावुरा के समीप पलट गई। पंजीकृत पेशेवर राफ्टर रउफ अहमद डार ने अपनी जान की परवाह न करते हुए नदी में छलांग लगा दी।
श्रीनगर से 96 किलोमीटर दूर पहलगाम में शुक्रवार शाम को जब यह घटना हुई उस समय नौका में तीन स्थानीय लोग और पश्चिम बंगाल का एक दंपति सवार था। प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि पर्यटक गाइड के तौर पर दंपति के साथ मौजूद डार ने देखा कि वे लोग नदी में डूब रहे हैं तो उसने बिना समय गंवाए नदी में छलांग लगा दी और उन्हें बचा लिया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद तुरंत बाद खोज एवं बचाव अभियान शुरू किया गया और राज्य आपदा त्वरित बल की टीमों ने पुलिस तथा स्थानीय लोगों के साथ मिलकर खोज अभियान चलाया। शुक्रवार देर रात तक तलाश जारी रही लेकिन अंधेरे के कारण अभियान रोकना पड़ा। उन्होंने बताया कि बहादुर पर्यटक गाइड का शव भवानी पुल के समीप शनिवार सुबह बरामद किया गया और औपचारिकताओं के बाद उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया।
अनंतनाग के उपायुक्त खालिद जहांगीर ने कहा, ‘‘यह डार द्वारा पेश की गई कश्मीरियत की असली मिसाल है जो हमें प्यार, भाईचारे और देखभाल सिखाती है। डार ने कश्मीरी आतिथ्य सत्कार की सच्ची भावना का प्रदर्शन करते हुए दो घरेलू पर्यटकों समेत पांच लोगों को सफलतापूर्वक बचाया।’’
मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम के निर्देशों पर 32 वर्षीय डार के परिजन को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है। डार के परिवार में माता-पिता, भाई और पत्नी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोलकाता के नंदन नगर के पर्यटक मनीष कुमार सर्राफ और श्वेता सर्राफ को श्रीनगर ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें डार की वजह से दूसरी जिंदगी मिली है।
राज्य के पर्यटन प्रभारी और राज्यपाल सत्य पाल मलिक के सलाहकार खुर्शीद गनई ने डार की मौत पर दुख जताया। उन्होंने डार के परिजनों को पांच लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का एलान करते हुए कहा, ‘‘अपनी जान की परवाह किए बगैर डार ने लिद्दर नदी की तेज लहरों में पांच लोगों को डूबने से बचाया। यह किसी व्यक्ति का सर्वोच्च बलिदान है।’’