नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय देश भर की अदालतों में वक्फ संपत्तियों से जुड़े करीब 25 हजार मुकदमों को खत्म करने के मकसद से अगले कुछ दिनों में ‘वक्फ नियम-2014’ में संशोधन करने जा रही है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जकीउल्लाह खान की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति की रिपोर्ट पर विचार चल रहा है और इसकी अनुशंसाओं को अगले ‘एक या दो हफ्ते’ में लागू कर दिया जाएगा। इससे 90 फीसदी मुकदमे बहुत जल्द खत्म हो जाएंगे।
इस समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट नकवी को सौंपी है। समिति का गठन मार्च 2018 में वक्फ संपत्तियों से संबंधित नियमों की समीक्षा के लिए किया गया था। नकवी ने कहा, ‘‘हमारे अधिकारी इस रिपोर्ट पर विचार कर रहे हैं। यह रिपोर्ट बहुत अच्छी है। इसके लागू होने के बाद मुकदमे कम होंगे। वक्फ बोर्डों की आय बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले के नियम (वक्फ नियम-2014) में कई तरह की कमियां, अपवाद और भ्रम थे। इसी के मद्देनजर यह समिति बनाई गई थी। मेरा मानना है कि इसे जैसे ही लागू किया जाएगा, उससे स्वत: ही कम से कम 90 फीसदी मुकदमे कम हो जाएंगे।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘ज्यादातर मुकदमे लीज से संबंधित है। इस रिपोर्ट में लीज को लेकर नियमों को सरल बनाने की बात की गई है। 1995 या इससे पहले वक्फ संपत्तियों पर जो भी किरायेदार होंगे, उनके लिए राहत की सिफारिश की गई है। इसलिए समिति की रिपोर्ट लागू होते ही ज्यादातर मुकदमे खत्म हो जाएंगे।’’ यह पूछे जाने पर कि इस रिपोर्ट की सिफारिशों को कब तक लागू किया जाएगा, नकवी ने कहा, ‘‘ एक या दो हफ्तों में इसे लाग कर दिया जाएगा।’’
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 31 अक्टूबर, 2018 तक देश में 5,74,491 पंजीकृत वक्फ संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों से संबंधित विभिन्न अदालतों में 24,906 मामले लंबित हैं। गौरतलब है कि समिति ने वक्फ नियम-2014 में बदलाव की सिफारिश की है। उसने वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए लीज की अवधि को पांच साल से बढ़ाकर 10 साल करने, वक्फ संपत्तियों पर देय सुरक्षा जमा को तर्कसंगत बनाने और शुल्क के भुगतान पर संपत्तियों की लीज किरायेदार के कानूनी उत्तराधिकारी के नाम हस्तांतरित करने जैसी कई सिफारिशें की हैं।
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