कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के निवर्तमान राज्यपाल केएन त्रिपाठी की इस टिप्पणी के लिए उन पर पलटवार किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुष्टीकरण नीति का राज्य के सामाजिक सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। सत्तारूढ पार्टी ने राज्यपाल से सवाल किया कि क्या यह ‘‘नंबर बढाने का प्रयास’’ है। तृणमूल कांग्रेस के अलावा विपक्षी माकपा और कांग्रेस ने इसे गलत समय पर की गई टिप्पणी करार दिया।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने सवाल उठाया कि त्रिपाठी ने इससे पहले यह क्यों नहीं कहा। अगले राज्यपाल जगदीप धनकड़ 30 जुलाई को शपथ लेंगे। चटर्जी ने तीखी टिप्पणी में कहा, ‘‘क्या यह अपने नंबर बढाने का प्रयास था? इसीलिए हमने (तृणमूल) पहले कहा था कि राजभवन भाजपा का पार्टी कार्यालय बन गया है। यह अब सच साबित हुआ है।’’
उधर, माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि यह गलत समय पर की गई टिप्पणी है, हालांकि यह पूरी तरह से गलत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (राज्यपाल) राजभवन से यह नहीं कहना चाहिए था, हालांकि जो उन्होंने कहा वह पूरी तरह से गलत नहीं है।’’
कांग्रेसी नेता और राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने सवाल किया कि निवर्तमान राज्यपाल ने अपने कार्यकाल के अंत में आकर इस तरह का बयान क्यों दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ने राज्यपाल के बयान को सही ठहराया।
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