धर्मशाला। तिब्बत के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने शुक्रवार को अपने उत्तराधिकारी पर चर्चा को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि इस पर चर्चा करना जल्दबाजी होगी। तिब्बत के धार्मिक नेताओं के साथ यहां बैठक में उनके हवाले से बताया गया, ‘‘आप सभी ने मेरे उत्तराधिकारी के बारे में काफी चर्चा की। मैं 84 या 85 वर्ष का हूं और बिल्कुल ठीक हूं। तो फिर आपको मेरे उत्तराधिकारी के बारे में इतनी जल्दबाजी क्यों है?’’
नोबेल पुरस्कार विजेता 14वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन के अंतिम दिन उन्हें संबोधित कर रहे थे, जिसमें पहले उनके उत्तराधिकारी को लेकर प्रस्ताव अंगीकृत किया गया था। चीन इस बात पर जोर देता रहा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी की परम्परा जारी रहनी चाहिए। वहीं कई तिब्बती ‘‘जबरन’’ उत्तराधिकारी बनाने के बीजिंग के कथित प्रयासों का विरोध कर रहे हैं।
14वें दलाई लामा खुद ही पहले कह चुके हैं कि जरूरी नहीं है कि यह परम्परा जारी रहे। हिमाचल प्रदेश के इस शहर में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के मुख्यालय में हुए सम्मेलन में दलाई लामा ने कहा कि मठों को अध्ययन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘केवल मंत्र जाप करना पर्याप्त नहीं है। ज्ञान और शिक्षा आधार होना चाहिए।’’
सम्मेलन के पहले दिन भागीदारों ने एक प्रस्ताव स्वीकार करते हुए कहा कि केवल दलाई लामा को अधिकार है कि वह अपने उत्तराधिकारी के बारे में निर्णय करें। इसने कहा कि किसी भी सरकार को इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। निर्वासित तिब्बती सरकार में धार्मिक एवं संस्कृति मंत्री कर्मा गेलेक ने कहा कि 14वें दलाई लामा ने अपने संबोधन में कई विषयों पर बात रखी।
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