बेंगलुरु: कर्नाटक में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के बीच राज्य के राजस्व मंत्री ए अशोक ने दावा किया कि कई संक्रमित लोगों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए हैं और उनमें से करीब 3000 लोग बेंगलुरु से लापता हैं। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस से ऐसे लोगों का पता लगाने को कहा गया है। अशोक ने कहा, ‘‘हम लोगों को निशुल्क दवाइयां दे रहे हैं जिससे 90 प्रतिशत तक मामले नियंत्रित किए जा सकते हैं लेकिन उन्होंने (संक्रमित लोगों) अपने मोबाइल फोन ही बंद कर लिए हैं। वे गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंच जाते हैं और फिर आईसीयू बेड तलाशते हैं। इन दिनों ऐसा ही हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि कई कोरोना संक्रमित लोगों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए हैं और अपने बारे में किसी को बता भी नहीं रहे इससे स्थिति काफी जटिल हो गयी है। मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बेंगलुरु में कम से कम 2,000 से 3,000 लोगों ने अपने फोन बंद कर लिए हैं और अपने घर से कहीं और चले गए हैं। हमें पता नहीं चल रहा कि वे कहां गए हैं।’’
कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार ने मंगलवार रात से 14 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाया है। कर्नाटक में मंगलवार को संक्रमण के 30,000 से ज्यादा मामले आए। बेंगलुरु शहर में ही 17000 से ज्यादा लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई । राज्य में उपचाराधीन मरीजों की संख्या तीन लाख से ज्यादा है वहीं बेंगलुरु में दो लाख से ज्यादा मरीज हैं।
इस बीच कोविड-19 के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत कर्नाटक सरकार ने राज्य भर में 14 दिनों के लिए लॉकडाउन लगा दिया है। राज्य मंत्रिमंडल ने 18 से 45 साल आयु वर्ग के लोगों को सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 का टीका नि:शुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। कल रात से अगले 14 दिनों के लिए पूरे राज्य में लॉकडाउन रहेगा।’’
कोविड-19 टीकाकरण के बारे में उन्होंने कहा कि 18 से 45 साल आयु वर्ग के लोगों को सरकारी अस्पतालों में टीका नि:शुल्क लगाया जाएगा। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश स्वास्थ्य विभाग जारी करेगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है और केन्द्र सरकार ने राज्य को रोज मिलने वाले जीवन रक्षक गैस का कोटा 300 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 800 मीट्रिक टन कर दिया है।
ये भी पढ़ें
Latest India News