तेलंगाना के आसिफाबाद जिले के लिंगापुर मंडल क्षेत्र के एल्लापट्टार गांव के पास हुई बलात्कार और हत्या मामले में गुरुवार को सजा सुनाई गई। इससे पहले इस मामले में 27 तारीख को सजा सुनानी थी। मगर जज की तबीयत ठीक नहीं होने के कारण फैसले को स्थगित किया गया था।
आपको बता दें कि लिंगापुर गांव निवासी समता गुब्बारों को बेच कर जीवन गुजारा करती थी। इस क्रम में पिछले 24 नवंबर को समता एल्लापट्टार गांव गुब्बारा बेचने गई थी। उसी गांव के शेख बाबू, शेख साहबुद्दीन और शेख मुक्ताउद्दीन नामक युवकों ने उसके साथ बलात्कार करने के बाद हत्या कर दी। इसके घटना के विरोध में जन संगठन और नागरिक अधिकार संघ नेताओं ने आसिफाबाद जिले में कई दिनों तक बड़ा आंदोलन भी चलाया।
आसिफाबाद पुलिस अधीक्षक मल्ला रेड्डी ने इस मामले को लेकर 44 गवाह का चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद समता मामले की सुनवाई आरंभ हो गई। हर दिन 4 से 5 गवाहों के साथ कोर्ट में सुनवाई हुई।
इससे पहले पुलिस ने सभी प्रकार के सबूत हासिल किए। साथ ही तीन आरोपियों के पास से भौतिक सबूत भी एकत्रित किए गए। आरोपियों की मेडिकल जांच की गई और उनकी रिपोर्ट भी ली गई। पुलिस ने इस मामले को जिला पुलिस अधीक्षक ने एक चुनौती के रूप में लिया है।
इसी दौरान शादनगर के पास दिशा का मामला प्रकाश में आया। इस घटना के विरोध में देश भर में आंदोलन उठ खड़ा हुआ था, इसी बीच समता के आरोपियों को भी तुरंत सजा दिये जाने की मांग ने जोर पकड़ा। दूसरी ओर समता के परिजन भी तीनों आरोपियों को मौत की सजा की मांग कर रहे थे। इसके चलते तेलंगाना सरकार ने फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित किया था।
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