नई दिल्ली: शहीद बीएसएफ जवान नरेंद्र कुमार की जयकारों के साथ गुरूवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार को अंतिम विदाई देने आमजन, नेता, अफसरों सहित हजारों लोग पहुंचे। बता दें कि पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू के समीप अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नरेंद्र कुमार का गला रेत दिया था। यह बर्बर घटना मंगलवार को रामगढ़ सेक्टर में हुई।
घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तथा नियंत्रण रेखा पर ‘हाई अलर्ट’ जारी कर दिया। सीमा सुरक्षा बल ने अपने समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष कड़ाई के साथ यह मुद्दा उठाया है।
अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के गश्ती दल को मंगलवार की सुबह मैदान में लगी ‘‘सरकंडे’’ की लंबी लंबी घास काटने के लिए बाड़ के आगे जाना पड़ा था। दल पर पहली बार सुबह 10 बज कर करीब 40 मिनट पर गोली चलाई गई।
उन्होंने बताया कि बीएसएफ के जवान को पहले लापता घोषित कर दिया गया था। उसके शव का पता लगाने के लिए दिन भर भारतीय पक्ष की ओर से सीमा के दूसरी ओर फोन करने एवं संवाद के आदान-प्रदान करने का सिलसिला चलता रहा।
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