सरकार ने हमारी सेना के जवानों द्वारा 2016 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक को ‘पराक्रम पर्व’ के रूप में पूरे देश में मनाने का फैसला किया है। इस गुप्त ऑपरेशन को सेना के जवानों द्वारा दुश्मन के इलाके में घुसकर अंजाम दिए जाने का वीडियो सामने आ चुका है। तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग, लेफ्टिनेंट जनरल बीएस हूडा और कुछ बहादुर सैनिकों ने इंडिया टीवी पर बताया कि कैसे इस ऑपरेशन को कुशलतापूर्व अंजाम दिया गया।
जनरल सुहाग ने विस्तारपूर्वक बताया कि कैसे इस सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई गई, कैसे इसकी तैयारी हुई, और किस तरह बहादुर जवानों ने इस मिशन को कुशलतापूर्वक अंजाम दिया। पाकिस्तान के इस विरोध के बावजूद कि ऐसी कोई भी सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई है, तथ्यों और वीडियो के जरिए हुए खुलासे इस ऑपरेशन पर संदेह की ऊंगली उठाने वालों के मुंह बंद करने के लिए काफी हैं।
यह दुख का विषय है कि भारत में कुछ ऐसे भी राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने इस सर्जिकल स्ट्राइक को ‘खून का सौदा’ करार दिया था, वहीं कुछ नेता पाकिस्तानी सेना के बयानों पर भरोसा करके सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक कभी हुई ही नहीं, और ऐसे भी लोग थे जिन्होंने हमारी सेना के बयान पर यकीन करने से इनकार कर दिया था।
इन वीडियो से ऐसे लोगों की आंखों पर बंधी पट्टी खुल सकती है। जिन लोगों ने सर्जिकल स्ट्राइक पर संदेह जताया था, उन्हें अब हमारी सेना के बहादुर अफसरों और जवानों से माफी मांगनी चाहिए, और वादा करना चाहिए कि वे भविष्य में ऐसे सवाल कभी नहीं उठाएंगे। (रजत शर्मा)
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