नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कमी आने के बाद, एप आधारित रेलवे टिकटिंग सेवा ने अनुमान लगाया है कि मौजूदा कोहरे के मौसम में ट्रेन के देरी से चलने की घटना में पिछले चार वर्षो में सर्वाधिक इजाफा हो सकता है। एप आधारित ट्रेवल पोर्टल रेलयात्री ने कहा, "रेलयात्री द्वारा राष्ट्रीय रेल विलंब सूचकांक से प्राप्त परिणाम के अनुसार इस कोहरे के मौसम में दिसंबर 2017 में ट्रेनें औसत रूप से 87 मिनट देरी से चलीं, जबकि उत्तरी भागों में कई जगहों पर अभी कोहरे का मौसम बाकी है।"
पोर्टल के अनुसार, ट्रेनों के देरी से चलने के आंकड़े का पता लाइव ट्रेन ट्रेकिंग डाटा से चला, जिसके आंकड़े 15 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच यात्रियों के द्वारा उपलब्ध कराए गए थे।पोर्टल के अनुसार, 2014-15 में ट्रेनों के देरी से चलने का औसत समय 72 मिनट था, जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा सुधरकर 47 मिनट हो गया था। लेकिन 2016-17 के दौरान यह समय बढ़कर 96 मिनट हो गया।
रेलयात्री के अनुसार, देश के उत्तरी भाग में सर्दियों के दौरान कोहरा आम बात है, लेकिन इसके व्यापक प्रभाव से पूरे देश में ट्रेनें देरी से चलती हैं।रेलयात्री ने कहा कि कोहरे से सर्वाधिक प्रभावित ट्रेन गुवाहाटी-नई दिल्ली पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस है, जो कि 52 घंटे तक की देरी से चली। इसके बाद आनंद विहार-सियालदह पश्चिम बंगाल संपर्क क्रांति एक्सप्रेस भी 48 घंटे तक की देरी से चली।
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