नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अल्फोन्स कन्नंतनम ने आज कहा कि केरल के बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए विदेशी मदद को 14 साल पहले के एक नीतिगत फैसले के आधार पर स्वीकार नहीं किया गया है। संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड द्वारा केरल के लिए मदद की पेशकश को अस्वीकार करने के लिए केंद्र आलोचनाओं का सामना कर रहा है।
अल्फोंस ने कहा कि 2004 में विनाशकारी सुनामी के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विदेशी सहायता स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और वर्तमान सरकार ने उसी नीति के तहत यह फैसला किया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “सुनामी के बाद दिसंबर 2004 में मनमोहन सिंह सरकार ने एक नीतिगत फैसला किया था और पिछले 14 वर्षों से यह नीति जारी है। हमने इसी नीति को अपनाया है।”
इससे पहले केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने सहायता को स्वीकार नहीं करने को लेकर भाजपा नीत सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित दक्षिणी राज्य ने केंद्र से 2,200 करोड़ रुपये की मदद मांगी लेकिन उसने केवल 600 करोड़ रुपये जारी किए।
अल्फोंस देश के अन्य हिस्सों को लगातार केरल की स्थिति के बारे में बता रहे हैं और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए संघर्ष कर रहे लोगों की जरूरतों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने सभी देशवासियों से बहुत ‘बहुत अधिक धन’ से सहयोग करने की अपील की है।
केरल में बारिश और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में आठ अगस्त से अब तक 400 से ज्यादा लोगों की जान गई है।
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