नई दिल्ली: भारत के इतिहास में साहस और हिम्मत की बात होगी तो चार महिलाओं का नाम जरूर लिया जाएगा। इन चारों के नाम हैं आयरन लेडी इंदिरा गांधी, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, मिस यूनीवर्स सुष्मिता सेन और बॉलीवुड स्टार जीनत अमान। इत्तेफाक की बात देखिए आज इन चारों का ही जन्मदिन पड़ता है। इन चारों ने अपने अपने दौर में लीक से हटकर ऐसे काम किए जो जमाने के लिए मिसाल बन गए। राजनीति में इंदिरा का उभार हो, रानी लक्ष्मीबाई का सत्ता के लिए संघर्ष, सुष्मिता का बिना शादी के बच्ची गोद लेना या फिर 80 के दशक में फिल्मी पर्दे पर जीनत अमान का बोल्डनेस अवतार सामने आना...यह सब कुछ आम धारणा से एकदम अलग चीजें थी।
इंदिरा गांधी-
(जन्म-19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद के आनंद भवन में)
एक दौर था जब आयरन लेडी इंदिरा गांधी के बारे में यह कहा जाता था कि इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा। बेशक इंदिरा एक मंझे हुए राजनीतिक परिवार में जन्मी हों लेकिन शुरू-शुरू में इंदिरा को गूंगी गुड़िया ही समझा जाता था। लेकिन बाद में जब इंदिरा ने राजनीति में अपनी सक्रियता बढ़ानी शुरू की तो धीरे धीरे इंदिरा कब मुखर हो गई किसी को भनक तक न लग पाईं। बांग्लादेश के जन्म के बाद तो इंदिरा इतनी मजबूर राजनीतिज्ञ बनकर उभरी कि विपक्षी भी इंदिरा की तारीफ करने लगे। 1947 से 1974 तक नेहरू के राजनीतिक सचिव के तौर पर काम करने वाली इंदिरा के बारे में किसी ने नहीं सोचा था कि वो राजनीति में आएंगी..क्योंकि उस दौर में महिलाओं को राजनीति में किसी बड़े ओहदे पर बैठते देखना थोड़ा अजीब सा माना जाता था....कम से कम भारत में। लेकिन देखते ही देखते इंदिरा की लोकप्रियता का ग्राफ कांग्रेस के भीतर ही बढ़ने लगा और वो अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गईं।
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