नई दिल्ली। हरिद्वार से चली किसान क्रांति यात्रा आखिरकार दिल्ली के किसान घाट पहुंचकर खत्म हो गई। मंगलवार को दिल्ली में दाखिल होने से रोके जाने के बाद किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाला था लेकिन देर रात किसानों को दिल्ली में घुसने की इजाजत मिल गई। इसके बाद हजारों किसान अपने ट्रैक्टर पर सवार होकर किसान घाट पहुंचे और चौधरी चरण सिंह की समाधि पर फूल चढ़ाकर इस यात्रा को खत्म कर दिया गया। दिल्ली में दाखिल होने से रोके जाने पर किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। सरकार ने किसानों की कुछ मांगें मानने पर सहमति जताई थी और कुछ के लिए समय मांगा। आखिर किसानों की क्या मांगें हे जिनको लेकर वह 10 दिन पैदल चलकर दिल्ली पहुंचे हैं? चलिए जानते हैं
- किसान के लिए न्यूनतम आय तय करने तथा 60 वर्ष आयु के बाद 5000 रुपए मासिक पेंशन की मांग कर रहे हैं।
- किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी बदलाव चाहते हैं। उनका दावा है कि मौजूदा योजना से किसानो के बजाय बीमा कंपनियों को लाभ मिल रहा है।
- किसानों से सरकार से पूरे कर्जे माफ करने की मांग रखी है और साथ में बिजली की बढ़ी हुई दरों को वापस लेने के लिए बी कहा है।
- फसल सिंचाई के लिए किसान मुफ्त बिजली की मांग कर रहे हैं।
- किसानों की एक मांग दिल्ली एनसीआर के लिए भी है, वह चाहते हैं कि दिल्ली में 10 साल पुराने ट्रैक्टरों पर लगी रोक हटा दी जाए।
- किसानों की मांग है कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज के उनको लोन दिया जाए और महिला किसानों के लिए अलग से योजना बनाई जाए
- किसानों ने आवारा पशुओं से फसल को बचाने के उपाय करने की मांग भी रखी है
- जिन किसानों ने खुदकुशी की है उनके परिजनों को नौकरी की मांग भी रखी गई है
- सरकार ने इस साल जिस योजना के तहत फसल का समर्थन मूल्य घोषित किया है, किसान उससे भी खुश नहीं हैं और अलग फार्मूला चाहते हैं
- किसानों की मांग है कि खेती में उपयोग होने वाली सबी वस्तुओं को गुड्स एंड सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाए
- चीन के समर्थन मूल्य को 40 रुपए प्रति किलो घोषित करने की मांग रखी गई है और 7-10 दिन के अंदर किसानों का बकाया देने के लिए नियम बनाने को कहा गया है
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