सोने के लिए भारतीय आवाम का जुनून जगजाहिर है। भारत में सोने का प्राकृतिक भंडार नहीं पाया जाता है। ऐसे में हमें विदेश से सोने का आयात करना पड़ता है। इस प्रस्तावित योजना से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भारत का सोने का आयात काफी कम हो जाएगा। गौरतलब है कि मार्च 2013 में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में सोने के आयात का प्रतिशत भारत के कुल व्यापार घाटे का 28% था। भारत का सालाना स्वर्ण आयात 800 से 1000 टन है। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के कामयाब हो जाने की स्थिति में कुल स्वर्ण आयात एक-तिहाई तक कम हो जाएगा।
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र मुरारी राणे ने कहा, 'हमें सरकार की ऐसी किसी योजना का हिस्सा बनकर अपना सोना राष्ट्रीय बैंकों में जमा करने में खुशी होगी। हम सिर्फ यह तसल्ली करना चाहेंगे कि योजना कितनी लाभदायक और सुरक्षित है। हम चाहते हैं कि सरकार 5 % की दर से ब्याज दरों का प्रावधान रखे।'
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