मुंबई का करीब 200 साल पुराना सिद्धिविनायक मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। भक्तों के चढ़ावे से मिले 158 किलो सोने के भंडार से भरा यह मंदिर दिन-रात सुरक्षा घेरे में रहता है। इस सोने की कीमत लगभग 67 मिलियन डॉलर यानी 417 करोड़ रुपये के करीब आंकी गई है। ताज्जुब नहीं कि खजाने से भरे इस मंदिर के तहखाने के इर्द-गिर्द परिंदा भी पर नहीं मार सकता। कुछ साल पहले केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर के खजाने की जानकारी आम हुई थी। गुप्त तहखाने के अंदर बंद इस मंदिर के खजाने की कीमत 20 बिलियन डॉलर से भी अधिक मानी जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिरों के ऐसे ही खजाने तक अपनी पहुंच बनाना चाहते हैं। भारत में मंदिरों के पास सुरक्षित सोने की कुल मात्रा तकरीबन 3000 टन आंकी गई है। यह केंटकी के फोर्ट नॉक्स में सुरक्षित अमेरिकी सरकार के कुल सोने के भंडार से भी दो-तिहाई गुना ज्यादा है। मोदी चाहते हैं कि मंदिरों के इस सोने के भंडार का इस्तेमाल भारतीय अर्थव्यवस्था पर लंबे समय से हावी व्यापारिक असंतुलन को दूर करने में किया जाए।
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