नई दिल्ली। केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर बढ़े तनाव पर राजनीति तेज हो गई है। केरल में लेफ्ट पार्टियों की सरकार है और लेफ्ट पार्टियां इस तनाव के पीछे राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) का हाथ होने का आरोप लगा रही हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने तो यहां तक कह दिया है जिस तरह का तरीका बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय अपनाया गया था।
सीताराम येचुरी ने कहा कि सबरिमला मामले की रिपोर्टिंग कर रहे टीवी पत्रकार जिनमें महिलाएं भी शामिल थी, उनके साथ दुर्व्यव्हार किया गया है, उन्होंने कहा कि जिस तरह का तरीका बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय अपनाया गया था, उसी तरह का तरीका यहां अपनाया जा रहा है। सीताराम येचुरी ने कहा कि सबरिमला में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे स्वंयसेवकों के सिर पर भगवा पट्टा बंधा हुआ था और बाबरी के समय भी ऐसी ही वेशभूषा थी।
सीताराम येचुरी ने RSS पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाबरी विध्वंस की तरह सबरीमला में संगठित होकर RSS के लोग विरोध कर रहे हैं।
लेफ्ट पार्टियों ने सबरीमला मामले पर कांग्रेस के रुख पर भी सवाल उठाए, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कोडियेरी बालकृष्णन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन कर रही थी लेकिन अब वह भी महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रही है। बालकृष्णन ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए सरकार ने जो इंतजाम किए थे उन्हें लागू करने में भाजपा परेशानी कर रही है।
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