नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैप्टन भागमल की पैरोल तीन महीने के लिये बढ़ा दी है। इससे पहले 20 मार्च को भी भागमल की पैरोल बढ़ा दी गई थी, जिसकी अवधि बृहस्पतिवार को खत्म हो रही थी। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा, ''इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता (भागमल) की आयु 90 वर्ष से अधिक है, मैं 20 मार्च 2020 को लगाई गईं शर्तों के साथ याचिकाकर्ता की पैरोल तीन और महीने के लिये बढ़ाता हूं। ''
अदालत ने कहा कि भागमल को पैरोल खत्म होने के बाद आत्मसमर्पण करना होगा। भागमल को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक नवंबर को 1984 को दिल्ली कैंट के राज नगर इलाके में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या का दोषी पाया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दिल्ली सरकार के स्थायी वकील राहुल मेहरा ने भागमल की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि दोषी पिछले साल 19 सितंबर से पैरोल पर है और 20 मार्च 2020 को दो महीने के लिये उसकी पैरोल बढ़ाई गई थी।
भागमल ने इस आधार पर पैरोल बढ़ाने की अपील की थी कि उसकी आयु 90 वर्ष से अधिक हो चुकी है। उसकी तबीयत बहुत खराब है और उसके कोविड-19 की चपेट में आने का खतरा है।
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