इन बच्चो को ड्रेस से लेकर कापी किताबे और दोपहर के खाना देने के साथ ही खेलने का सामान भी दिया गया है। जिससे इनके जीवन में भी शिक्षा की नई किरणों के साथ बेहतर जीवन जीने का ज़ज़्बा पैदा हो सके।
कैसे शुरू हुआ मिशन आगाज़ -
दरअसल ' मिशन आगाज़ -शिक्षा का प्रयास ' कार्यक्रम की शुरुआत करने वाले ऊधम सिंह नगर के जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता एक दिन अपने दौरे पर थे कि अचानक उनकी निगाह ऐसे बच्चो पर पड़ी जो गन्दगी के ढेर से कूड़ा बीन रहे थे।
उन्हें देख कर उनका मन भर आया, जबकि उनकी उम्र के बच्चो को स्कूल जाना चाहिए था। इन मासूमो का भविष्य सुधारने के लिए उन्होंने ज़िले से 'मिशन आगाज़ ' की शुरुआत कर दी है।
अक्षत गुप्ता का कहना है कि अब इस कार्यक्रम को पूरे ज़िले में शुरू करने की कोशिश की जा रही है। इस कार्यक्रम के बेहतर नतीजे सामने आए है। अगर देश के सभी अधिकारी इसी तरह प्रण कर ले तो शिक्षा के रंगो से तमाम घरो में रोशनी बिखरेगी और जिंदगी की नई रंगत से शिक्षा से वंचित रहे बच्चो के सपने पूरे होंगे। अभी तो यह शुरुआत है, लेकिन जल्द ही अक्षत गुप्ता के मिशन आगाज़ के ज़ज़्बे को ऊंची उड़ान मिलेगी।
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