भोपाल: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि उनके सामने अब तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है जिसमें यूक्रेन के नेशनल एंटी-करप्शन ब्यूरो (एनएबी) से भारतीय सेना के मालवाहक विमान एएन-32 के कलपुर्जों की खरीदारी में कथित तौर पर 17.55 करोड़ रुपए की घूसखोरी की बात कही गयी हो। इस संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में राजनाथ ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘ऐसा कोई मामला मेरे सामने अभी तक नहीं आया है।’’
उनसे सवाल किया गया था कि मालवाहक विमान एएन-32 के कलपुर्जों की खरीदारी में 17.55 करोड़ रुपए की घूसखोरी के संबंध में यूक्रेन की एनएबी द्वारा जांच के लिए उनके मंत्रालय से मांगे गए कानूनी सहयोग के बारे में उनकी क्या प्रतिक्रिया है? गौरतलब है कि यूक्रेन की सरकारी कंपनी स्पेट्सटेक्नो एक्सपोर्ट ने भारत के रक्षा मंत्रालय के साथ वर्ष 2014 में मालवाहक विमान एएन-32 के कलपुर्जों की खरीदारी के संबंध में एक समझौता किया था।
यूक्रेन के एंटी करप्शन ब्यूरो को शक है कि इस मामले में भारतीय रक्षा मंत्रालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है। इसलिए इस साल फरवरी में यूक्रेन के एनएबी ने भारतीय दूतावास के माध्यम से भारत के गृह मंत्रालय से ‘कानूनी सहयोग’ देने का अनुरोध किया है।
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