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Hindi News भारत राष्ट्रीय नये कृषि कानूनों पर ‘गलतफहमी’ का शिकार हुए किसान, थावरचंद गहलोत ने कहा

नये कृषि कानूनों पर ‘गलतफहमी’ का शिकार हुए किसान, थावरचंद गहलोत ने कहा

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने रविवार को कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन का असर सीमित हिस्सों में है और सरकार के इन प्रावधानों को लेकर आंदोलनकारियों के बीच गलतफहमी है।

नये कृषि कानूनों पर ‘गलतफहमी’ का शिकार हुए किसान, थावरचंद गहलोत ने कहा- India TV Hindi Image Source : TWITTER/@TCGEHLOT नये कृषि कानूनों पर ‘गलतफहमी’ का शिकार हुए किसान, थावरचंद गहलोत ने कहा

इंदौर (मध्य प्रदेश): केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने रविवार को कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन का असर सीमित हिस्सों में है और सरकार के इन प्रावधानों को लेकर आंदोलनकारियों के बीच गलतफहमी है। गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, "देश में 36 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं। लेकिन पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के चंद हिस्सों के किसान ही (कृषि कानूनों को लेकर) आंदोलन कर रहे हैं।" 

उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट तौर पर कह सकता हूं कि ये किसान गलतफहमी के कारण आंदोलन कर रहे हैं।" मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भाजपा शासित राज्य में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आठ मार्च से नशामुक्ति अभियान की शुरुआत की घोषणा की है। इस बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर गहलोत ने कहा कि नशामुक्ति के लिए भारती का प्रयास "सराहनीय" है। 

उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार और राज्य सरकार लोगों को नशे की लत से मुक्त करना चाहती है। इसके लिए जनता के बीच वातावरण बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए।" केंद्रीय मंत्री ने एक सवाल पर कहा कि हाड़ कंपाने वाली ठंड में बेघर और बेसहारा बुजुर्गों को इंदौर की शहरी सीमा से जबरन बाहर छोड़े जाने की हालिया घटना में राज्य सरकार की अब तक की कार्रवाई से वह संतुष्ट हैं। 

उन्होंने कहा, "यह घटना मेरी जानकारी में पहले ही आ चुकी है। घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ राज्य सरकार ने कठोर कार्रवाई की है।" गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस घटना पर नाराजगी जताए जाने के बाद इंदौर नगर निगम के एक उपायुक्त को निलंबित कर दिया गया था। 

इससे पहले, निगम प्रशासन ने दो अस्थायी कर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए हाल ही में पेश केंद्रीय बजट की तारीफ करते हुए गहलोत ने बताया कि इसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिए 28 फीसद आवंटन बढ़ाते हुए 10,517.62 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 

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