India TV Exclusive: लाहौर में जैश का हेडक्वार्टर अब भी खुला, इमरान सरकार का झूठ कैमरे में कैद
हाफिज़ सईद का लाहौर वाला आतंकी सेंटर खुल्लम खुल्ला चल रहा है। इंडिया टीवी रिपोर्टर वहां पहुंचे और इमरान सरकार का पहला झूठ कैमरे में कैद हुआ।
नई दिल्ली: पहली बार इंडिया टीवी पर आप कैमरे में हाफिज़ सईद का अनदेखा, अनसुना और अनजाना, आतंक का सेंटर जहां दहशत की आयतें पढ़ी जाती हैं। जहां हाफिज़ नमाज़ पढ़ने के बहाने तेजाबी जमात लगाता है। आतंका का ये अड्डा लाहौर से लेकर इस्लामाबाद और लाहौर तक फैला है। इमरान खान ने दावा किया था कि पाकिस्तान की जमीन से आतंक का अड्डा नहीं चलेगा। वो फरेब अब बेपर्दा हो गया है। पाकिस्तान दुनिया के सामने आतंक की फैक्ट्रियों पर पाबंदी लगाने के चाहे जितने भी दावे करे, हाफिज़ सईद का लाहौर वाला आतंकी सेंटर खुल्लम खुल्ला चल रहा है। इंडिया टीवी रिपोर्टर वहां पहुंचे और इमरान सरकार का झूठ कैमरे में कैद हुआ।
हाफिज़ के खूनी सेंटर पर दिखाने के लिए बाहर पुलिस का कड़ा पहरा रहता है। ये बताने के लिए कि आतंक का वो सेंटर पाकिस्तानी सरकार के कब्जे में है। लेकिन झूठे पाकिस्तान के दिखावे का सच ये है कि लाहौर की जामिया कादसिया मस्जिद में हाफिज सईद बिना किसी रोकटोक के आता है। पाकिस्तान को उसकी हिफाजत की इतना फिक्र है कि 24 घंटे एक पुलिस जीप जामिया कादिया मस्जिद के बाहर मुश्तैद रहती है। हाफिज़ सईद के कमरे के बाहर 2 पुलिसवाले हमेशा तैनात रहते हैं।
इमरान के बेशर्म चेहरे को हाफिज़ सईद से जुड़ा एक और जिंदा सबूत बेनकाब करता है। लाहौर से करीब 30 किलोमीटर दूर मुरीदके में मोस्टवांटेड का वो हेडक्वार्टर जिसे इमरान सरकार ऑन पेपर सीज कर चुकी है। लेकिन आतंक के उस ठिकाने पर सच इंडिया टीवी के कैमरे में कैद हुआ। हाफिज़ सईद के जिस ठिकाने को पाकिस्तानी हुकमरानों ने कब्जे में लेने का स्वांग किया है। उसमें हाफिज़ की फौज़ का जमावड़ा देखने को मिला।
लाहौर के अलावा इस्लामाबाद में भी इमरान खान के झूठ का सबसे बड़ा सबूत देखने को मिला। एक सरकारी डिस्पेंसरी जिस पर इमरान सरकार के बोर्ड चस्पा हैं। लेकिन चैरिटेबल संस्थाओं की आड़ में ये हाफिज़ के आतंक का अड्डा है। जहां दीनी तालीम के नाम पर हिन्दुस्तान को दहलाने की साज़िशें अमल में लाई जाती हैं।
पाकिस्तान की सरपरस्ती में लाहौर से मीलों दूर बहावलपुर में जैश के हेडक्वार्टर में 10 दिन पहले पूरा पाकिस्तान मसूद अजहर के जिस आतंकी सेंटर को मदरसा बता रहा था। वहां जब कैमरा दाखिल हुआ तो जर्रे-जर्रे में मसूद अजहर की साजिशों का मकड़जाल दिखा। आज मसूद अजहर का ये ठिकाना दोबारा आतंक का नया पता बन गया है। जिसके दरवाजे हमेंशा बंद रहते हैं। बाहर दो पुलिसवाले पहरा देते हैं। जिनकी मर्जी के बिना आतंक के बहावलपुर केंद्र में कोई एक कदम नहीं रख सकता। जाहिर है आतंकी हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे मासूम और अनजान बनने का स्वांग करता है, उसी तरह उसे पालने वाली पाकिस्तानी हुकूमत भी ढोंग करती है।