नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने टेरर फंडिंग मामले में बुधवार को 12 जगह छापेमारी की है। छापेमारी श्रीनगर, हंदवाड़ा, बारामूला में की गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्रीनगर में कारोबारी के दो ठिकानों पर छापेमारी की गई है। छापेमारी अब अभी भी जारी है। बताया जा रहा है कि एनआईए ने श्रीनगर में दो जगह पीरबाग और आलूचीबाग में छापेमारी की है। ये भी पढ़ें: कश्मीर पर PM मोदी के बयान का J&K में जोरदार स्वागत, जानिए किसने क्या कहा?
बता दें कि टेरर फंडिंग मामले में एनआईए की टीम अब तक कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर चुकी है। एनआईए ने करीब 20 दिनों तक अलगाववादी नेताओं से पूछताछ की थी। पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं, जिसको लेकर एनआईए की जांच जारी है। पिछली सुनवाई में हुर्रियत नेता गिलानी के दामाद अल्ताफ फंटूश समेत मेहराजुद्दीन कलवाल, पीर सैफुल्लाह और नईम खान को कोर्ट ने 28 अगस्त तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया है।
गौरतलब है कि एनआईए ने संगठन के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी और उनके परिजनों की 14 कथित संपत्तियों को चिह्नित किया है। इन संपत्तियों की कुल कीमत 100 करोड़ से 150 करोड़ रुपये के बीच बतायी जा रही है। रिपोर्ट में दावा किया है कि उसके पास मौजूद एनआईए की लिस्ट में शामिल इन संपत्तियों को हवाला और बेनामी संपत्ति मामले में जांच की जा रही है। इन संपत्तियों में शैक्षणिक संस्थान, आवासीय इमारतें, कश्मीर में खेती की जमीन और दिल्ली स्थिति फ्लैट शामिल हैं। ये संपत्तियां कथित तौर पर गिलानी, उनके दो बेटों नसीम और नईम, बेटी अनीशा, फरहत, जमशिदा, चमशिदा के नाम हैं। अनीशा और फरहत गिलानी की दूसरी पत्नी की बेटियां हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इन सभी संपत्तियों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है बारामुला स्थित सोपोर का यूनिक पब्लिक स्कूल। 7 एकड़ जमीन पर स्थित इस स्कूल की कीमत मार्केट में 30 करोड़ रुपए है। एनआईए को जानकारी मिली है कि साल 2001 में स्कूल के लिए जमीन गिलानी के ही संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत को दान किया गया था। साल 2006 में 5.3 एकड़ जमीन गिलानी को और साल 2017 में 1.7 एकड़ जमीन गिलानी के बेटे नसीम को स्कूल के प्रिंसिपल जीएम भट्ट ने दी थी। भट्ट, यूनिक पब्लिक स्कूल चलाने वाले मिल्ली ट्रस्ट के आजीवन संरक्षक हैं।
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