अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले का अलर्ट, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे जवान
एकबार फिर अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे का साया मंडरा रहा है। सुरक्षाबलों को यह खुफिया जानकारी मिली है कि आतंकवादी अमरनाथ यात्रियों पर कार बम से हमला करने की प्लानिंग कर रहे हैं।
नई दिल्ली: एकबार फिर अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे का साया मंडरा रहा है। सुरक्षाबलों को यह खुफिया जानकारी मिली है कि आतंकवादी अमरनाथ यात्रियों पर कार बम से हमला करने की प्लानिंग कर रहे हैं। कार बम बनाने वालों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में ट्रेनिंग दी गयी है, औऱ वे लोग सीमा पार से घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं। सूत्रों से यह भी खबर मिली है कि ये आतंकवादी सीजफायर के दौरान एकबार फिर इकट्ठे हुए हैं और अपनी ताकत बढ़ायी है। हांलाकि सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हैं। खुफिया जानकारी मिलने मिलने के बाद सभी कारों को ट्रैक किया जा रहा है, जीपीएस से लैस आरएफ आईडी स्टिकर्स दिए जा रहे हैं। सारी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर भी वेरिफायी किए जाएंगे। ऑटोमैटिक नंबर प्लेट डिटेक्शन मशीन्स भी लगाए जा रहे हैं।
खुफिया जानकारी के मुताबिक लश्कर, हिजबुल के कुछ आतंकी अमरनाथ यात्रा को टारगेट करने की फिराक में हैं। खासकर नावेद जद, रियाज़ नायकू और जाकिर मूसा जैसे दहशतगर्दों के जरिए फिदायीन अटैक की भी साजिश है। सीआरपीएफ के डीआईजी से लेकर डीजी तक ने आश्वासन दिया कि यात्रियों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं।
28 जून से शुरु होने वाली इस यात्रा के लिए सीआरपीएफ के 35 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। हवाई निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर भी मौजूद हैं। हालांकि इससे पहले अमरनाथ यात्रा को लेकर गवर्नर एनएन वोहरा ने उच्च स्तरीय बैठक भी की। इस बैठक में सीआरपीएफ के अलावा आईटीबीपी, बीएसएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के सीनियर अफसर मौजूद थे। चूंकि वोहरा श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं इसीलिए उन्होंने अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए।
आपको बता दें अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार एक लाख अस्सी हजार से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ को नोडल एजेंसी बनाया गया है। सीआरपीएफ इसलिए 260 कंपनियां आई हैं यानी सीआरपीएफ के करीब 35 हजार जवान मौजूद हैं। बालटाल में सुरक्षाबलों की 118 कपनियां हैं...जिसमें 90 अकेले सीआरपीएफ की हैं...एसएसबी, आईटीबीपी, बीएसएफ के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर सिक्योरिटी मैकेनिज्म तैयार किया गया है। इतना ही नहीं सीआरपीएफ की तरफ से सुरक्षा के मद्देनजर मॉडर्न तकनीक का भी इस्तेमाल होगा। इंटीग्रेटेड कैमरा कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। इसके अलावा RFID यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडी और जीपीएस लोकेटर का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
वीडियो देखें