भारत-चीन सीमा पर बढ़ा तनाव, तैनात किए 3000 सैनिक, किया युद्धक टैंक का परीक्षण
भारत ने चीन के आक्रामक रवैये की परवाह न करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यह चीन को ट्राइ-जंक्शन तक सड़क नहीं बनाने देगा। भूटान ने भी डोका ला इलाके में चीन द्वारा सड़क निर्माण पर आपत्ति जताई है।
नई दिल्ली: भारत के साथ चल रहे ताजा सीमा विवाद के बीच सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को गंगटोक स्थित 17 माउंटेन डिविजन और कलिमपोंग स्थित 27 माउंटेन डिविजन का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है। सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन ने दूरवर्ती सीमा क्षेत्र पर 3-3 हजार सैनिकों को तैनात कर सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राइ-जंक्शन में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। हालांकि, भारतीय सेना ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार किया है। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
भारत ने चीन के आक्रामक रवैये की परवाह न करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यह चीन को ट्राइ-जंक्शन तक सड़क नहीं बनाने देगा। भूटान ने भी डोका ला इलाके में चीन द्वारा सड़क निर्माण पर आपत्ति जताई है। भूटान के विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर चीन के कदम की निंदा की है।
भारतीय सेना डोका ला इलाके को लेकर काफी संवेदनशील है, विशेषकर जोम्पलरी रिज को लेकर। इसकी वजह यह है कि यह रणनीतिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नजदीक है। भारत ने सिलीगुड़ी कॉरीडोर में अपने रक्षा प्रणाली को मजबूत किया है ताकि चीन के प्रवेश को रोका जा सके। यह संकरी पट्टी पूर्वोत्तर राज्यों को शेष भारत से जोड़ती है।
‘उम्मीद है इतिहास से सबक लेंगे’
वहीं चीनी सेना ने भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत की इस टिप्पणी को शुक्रवार को बेहद गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है कि भारत ढाई मोर्चे पर युद्ध के लिए तैयार है। चीनी सेना ने रावत से कहा कि वह युद्ध का शोर मचाना बंद करें।
रावत ने कहा था कि चीन और पाकिस्तान के साथ-साथ अंदरूनी सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। भारतीय थलसेना प्रमुख की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के प्रवक्ता कर्नल वू यिान ने कहा, ‘ऐसा बड़बोलापन बेहद गैर-जिम्मेदाराना है।’
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में 1962 के भारत-चीन युद्ध का परोक्ष तौर पर हवाला देते हुए कहा, ‘हमें उम्मीद है कि भारतीय थलसेना में एक खास शख्स इतिहास से सबक लेंगे और युद्ध के लिए ऐसे शोर मचाना बंद करेंगे।’
चीन ने तिब्बत में की टैंकों की टेस्टिंग
भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन ने तिब्बत में एक टैंक का परीक्षण किया है। चीन का यह टैंक 35 टन वजनी है और यह कई अत्याधुनिक हथियारों से लैस है। चीन ने इस टैंक को शिंकिंगटैन नाम दिया है। हालांकि चीन ने कहा कि इस टैंक का परीक्षण किसी देश को लक्षित करके नहीं किया गया है।
टैंक के परीक्षण की पुष्टि करते हुए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने कहा कि इसके निशाने पर कोई देश नहीं है। वू ने कहा, 'पहाड़ी मैदान में टैंक के एक प्रकार का परीक्षण किया गया। इसका उद्देश्य उसकी क्षमता का आकलन करना था और यह किसी देश को लक्षित करके नहीं किया गया।'
चीन का यह टैंक 105-मिलीमीटर टैंक गन, 35-मिलीमीटर ग्रेनेड लॉन्चर और 12.7-मिलीमीटर की मशीन गन से लैस है। इस टैंक में 8V150 इंजन लगाया गया है जिससे 1,000 हॉर्सपावर की ऊर्जा पैदा होती है।
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