लॉकडाउन से कैसे रुक गया था 'जनजीवन'? सड़कें हो गई थी सूनी, देखिए वो 10 तस्वीरें जो याद दिला देंगी हर मंजर
Lockdown Photos: पिछले साल कोरोना संक्रमण की शुरुआत में इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। उस समय कोरोना से लड़ने के लिए भारत के पास पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी, लॉकडाउन के दौरान सभी व्यवस्थाएं बनाई गईं। इस दौरान देश के लोगों ने भी सरकार का साथ दिया, लेकिन फिर भी बहुत बड़ी तादाद में देशवासियों को लॉकडाउन की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा।
नई दिल्ली. दुनिया में अब कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए कई वैक्सीनें आ चुकी हैं। अपना देश भारत भी कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए दो कोरोना वैक्सीन बना ली हैं और इस वक्त पूरे देश में कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम बहुत तेजी से चल रहा है। पिछले साल कोरोना संक्रमण की शुरुआत में इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। उस समय कोरोना से लड़ने के लिए भारत के पास पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी, लॉकडाउन के दौरान सभी व्यवस्थाएं बनाई गईं। इस दौरान देश के लोगों ने भी सरकार का साथ दिया, लेकिन फिर भी बहुत बड़ी तादाद में देशवासियों को लॉकडाउन की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा। आइए आपको 10 तस्वीरों के जरिए याद दिलाते हैं कोरोना कॉल में लॉकडाउन का वो दौर, जिससे हर भारतवासी की कुछ खट्टी मीठी यादें छुड़ी हैं।
लॉकडाउन से पहले जनता कर्फ्यू के दौरान पीएम मोदी के निवेदन पर देशवासियों ने अपने घरों की बालकनियों और छतों पर आकर हेल्थ वर्कर्स और अन्य कोरोना वॉरियर्स के प्रति ताली और थाली बजाकर आभार जताया।
सुबह के समय अकसर सड़कों पर जाम की स्थिति होती है लेकिन लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर पूरी तरह से सन्नाटा पसर गया। इस दौरान दूर दूर तक कोई भी नजर नहीं आता था। औद्योगिक इलाकों में कंपनियां बंद हो गईं, बहुत सारे लोगों वर्क फ्रॉम होम करने लगे। कोरोना कॉल के दौरान लंबे समय तक भारतीय रेल भी बंद रही। देश की जीवन रेखा कही जाने वाली भारतीय रेल को पहले प्रवासी मजदूरों के लिए चलाया गया। इसके बाद धीरे-धीरे करके ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया। रेलवे का परिचालन अभी भी पहले की तरफ शुरू नहीं हो पाया है।
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात का मरकज सुर्खियों का केंद्र रहा। मरकज में बड़ी संख्या में धर्मिक मुस्लिम प्रतिनिधि कोरोना संक्रमित पाए गए, यहां बड़ी संख्या में विदेशों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। पुलिस द्वारा यहां से लोगों को निकालने के बाद पूरे क्षेत्र का हेल्थ वर्कर्स के द्वारा सेनिटाइज किया गया।
कोरोना काल में फेसमॉस्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया था, जो अभी भी जारी है। इस तस्वीर में आप देख सकते हैं किस तरह देशवासियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई।
कोरोना काल में सभी गैर जरूरी गतिविधियां बंद कर दी गई थीं। सिर्फ जरूरी दुकानों को खुलने की अनुमति दी गई थी। धीरे-धीरे व्यापारिक गतिविधियों को शुरू किया गया। इनके संचालन को लेकर सरकार ने गाइडलाइंस जारी कीं।
कोरोना काल में हालांकि देशवासियों ने सरकार का साथ तो दिया लेकिन कई स्थानों पर मेडिकल वेस्ट खुले आम बिखरा हुआ नजर आया, जिससे कोरोना के फैलने का हमेशा डर रहता है।
कोरोना काल में गरीब लोगों का अपने घरों की तरफ पैदल जाने का मंजर कौन भूल सकता है। अचानक सब कुछ बंद हो जाने से अत्यंत गरीब लोग दिल्ली और अन्य शहर छोड़ पैदल ही अपने घरों की तरफ निकल पड़े। कई लोग इस दौरान रास्तों में रोते और बिलखते नजर आए।
लॉकडाउन के दौरान उन लोगों को बहुत ज्यादा समस्या हुई, जिनके साथ दिव्यांग लोग थे। दिव्यांग लोगों को वाहन ट्रेन बंद होने की वजह से अपने घरों में पहुंचने में बहुत समस्या हुई।
कोरोना काल में कई मानवीय चित्र भी देखने को मिले, लॉकडाउन के दौरान जहां प्रकृति अपने रंग में लौटी तो वहीं बहुत सारे लोग सड़कों पर रहने वाले बेजुबानों के फिक्र करते नजर आए।
अपने घरों की तरफ जाते प्रवासी मजदूर
कोरोना वारियर्स में से सबसे अहम भूमिका भारत के मेडिकल स्टॉफ ने निभाई। एक तरफ जहां देश के लोगों ने अपने-अपने तरीकों से इनका आभार जताया, वहीं दूसरी तरफ देश के रक्षकों ने भी इनका आभार जताया। 3 मई 2020 को भारतीय वायुसेना ने हेलीकॉप्टरों से डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ पर फूल बरसा का उनका धन्यवाद किया।