नई दिल्ली। चक्रवात अम्फान से उत्पन्न होने वाली बाधाओं से निपटने के लिए टेलीकॉम विभाग ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में टेलीकॉम कंपनियों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए निर्देश दिए हैं। टेलीकॉम सचिव अंशु प्रकाश ने बताया कि टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को कहा गया है कि वे सभी जिलों में पर्याप्त डीजल और स्टेशन के साथ पर्याप्त संख्या में जेनसेट का इंतजाम करें ताकि चक्रवात की वजह से बिजली आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा आने पर इन जेनसेट की मदद से मोबाइल टॉवर्स को दोबारा चालू किया जा सके।
अंशु प्रकाश ने बतया कि प्रभावित इलाकों में विस्थापन में मदद के लिए लोगों के लिए एसएमएस अलर्ट सेवा शुरू की गई है। यह राज्य सरकारों पर निर्भर है कि वह किस फ्रेक्वेंसी में इन अलर्ट को भेजना चाहती है। यह एकदम मुफ्त सेवा है। यह स्थानीय भाषा में होंगे। चक्रवात के गुजर जाने के बाद भी इंट्रा-सर्कल रोमिंग चालू रहेगी।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि 1999 के बाद यह सबसे भयंकर चक्रवात है। इससे पहले 1999 में बंगाल की खाड़ी में इस तरह का भयंकर चक्रवात बना था। विभाग ने बताया कि समुद्र में अभी इस चक्रवात की रफ्तार 200 से 240 किमी प्रति घंटा है। यह उत्तर उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है।
जहां तक पश्चिम बंगाल की बात है, यहां सबसे ज्यादा असर नॉर्थ और साउथ 24 परगना और ईस्ट मिदनापुर जिलों में देखने को मिलेगा। कोलकाता, हुगली, हावड़ा और पश्चिम मिदनापुर जिलों में हवा की रफ्तार 110-120 किमी प्रति घंटा से लेकर 135 किमी प्रति घंटा के बीच रह सकती है।
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