पटना: होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई के छापे को लेकर सत्तारूढ़ जदयू और राजद के बीच बढ़ी कटुता के चरम सीमा पर पहुंच जाने की अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज यहां संपन्न मंत्र्ािपरिषद में भाग लिया। नीतीश की मौजूदगी में गत 15 जुलाई को पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम से तेजस्वी के गायब रहने से भी महागठबंधन में रार और गहरी हुई थी।
पटना स्थित पुराने सचिवालय में आज शाम करीब एक घंटे तक चली राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद तेजस्वी मुख्यमंत्री के कक्ष में गए। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और तेजस्वी के भाई तेजप्रताप यादव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी भी मुख्यमंत्री के कक्ष में मौजूद थे। उनके बीच क्या बातचीत हुई इस बारे में बातें बाहर नहीं आ सकी है लेकिन इसे यह दिखाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि जदयू, राजद और कांग्रेस का महागठबंधन अटूट है।
इससे पूर्व एकजुटता प्रदर्शति करने के लिए राजद के मंत्री आज एक बार फिर पटना के दस सकुर्लर रोड स्थित राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबडी देवी के आवास पर इकठ्ठा हुए और साथ में कैबिनेट की बैठक में भाग लेने पंहुचे। कैबिनेट की बैठक में भाग लेने तेजस्वी और तेजप्रताप एक वाहन पर सवार होकर पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान 2004 में रांची और पुरी स्थित आईआरसीटीसी के दो होटलों का लाइसेंस जारी किए जाने के बदले लालू के परिवार को तीन एकड़ भूखंड दिए जाने के मामले में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद, राबडी देवी और पांच अन्य का नाम आने के मद्देनजर सीबीआई ने गत शुक्रवार को लालू के आवास सहित 12 ठिकानों पर छापे मारे थे।
इसके बाद करीब पांच दिनों तक चुप रही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने तेजस्वी से उनपर लगे आरोपों के बारे में पूर्ण तथ्यों के साथ जनता की अदालत के बीच जाने को कहा था लेकिन राजद प्रमुख ने अपनी ओर से महागठबंधन को तोड़ने से इंकार किया करते हुए अपने विधायक दल के उस निर्णय कि तेजस्वी के इस्तीफे का कहीं कोई प्रश्न ही नहीं उठता का हवाला देते हुए इस कार्वाई को राजनीति से प्रेरित बताया था और उन्होंने कहा था कि सारी बातें पहले से सार्वजनिक है, जिसे देखना हैं देखे।
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