भारत में रह रहीं तस्लीमा ने किया विवादित Tweet
भारत में रह रहीं बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका तस्लीमा नसरीन ने एक विवादित ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में जो लिखा है उसका सीधा सा मतलब यह है कि रोज़ा रखने वाले लोग मूर्ख होते हैं।
तस्लीमा बोलीं हिंदू थे हमारे पूर्वज
अकसर विवादों से घिरी रहने वाली बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया यह बड़ा खुलासा किया कि उनके पूर्वज हिंदू थे और उनके एक पूर्वज का नाम हरधन सरकार, जिनका बेटा मिमेनसिंह (बांग्लादेश) में धर्मपरिवर्तन करके मुसलमान बन गया था।
नसरीन ने ट्वीट करके कहा है, "मेरे हिंदू पूर्वज का नाम हरधन सरकार था। वे कायस्थ थे। उनके बेटे ने धर्मपरिवर्तन करके इस्लाम धर्म अपना लिया था। ये सूफी प्रभाव था? धर्म परिवर्तन करने के लिए वह मजबूर किए गए थे? मैं नहीं जानती।"
अपने हिंदू प्रशंसकों के पूछने पर कि क्या वह हिंदू धर्म में लौटना पसंद करेंगी, लेखिका ने ट्वीट करके कहा, "मैं पहले ही तर्कवाद औऱ मानवतावाद में कन्वर्ट हो चुकी हूं। यह फाइनल है।"
तसलीमा का जन्म 25 अगस्त, 1962 को डॉ रजब अली और उनकी पत्नी एदुल आरा (Edul Ara) के यहां मिमेनसिंह नाम के शहर में हुआ था। यह लेखिका तीन बार शादी कर चुकी हैं। उनका पहला विवाह बंगाली कवि रूद्र मोहम्मद शाहीदुल्लाह और दूसरा विवाह एक बंगाली पत्रकार नयीमुल इस्लाम खान से हुआ था। उनका तीसरा विवाह एक संपादक मिनार महमूद से हुआ था।
बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया था। अपनी हत्या कर दिए जाने के डर से तसलीमा ने 1994 में बांग्लादेश छोड़ दिया और तभी से निर्वासन में जीवन बिता रही हैं। उन्हें 2007 में कोलकाता छोड़ने पर भी मज़बूर होना पड़ा, जब इस्लाम के खिलाफ लिखने की वजह से धार्मिक कट्टरपंथियों ने उनके लेखन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किए।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड नाम के एक संगठन ने तो मार्च 2007 में तसलीमा के सिर पर 5 लाख रुपये घोषित कर दिए। तसलीमा का बांग्लादेशी पासपोर्ट रद्द कर दिया गया था। तसलीमा ने अपनी जिंदगी के 10 साल यूरोप और अमेरिका में भी निर्वासन में बिताए। स्वीडन सरकार ने उन्हें नागरिकता भी प्रदान की, लेकिन फिर भी वह 2007 से पुलिस की सुरक्षा में दिल्ली में ही रह रही हैं।