फ्रांस में मोहम्मद साहब की विवादित तस्वीर दिखाने वाले शिक्षक की हत्या के बाद राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां के बयान पर दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रियाएं और विरोध जारी है। इस बीच तुर्की, पाकिस्तान के बाद अब भारत में भी फ्रांस के विरोध के नारे बुलंद हो रहे हैं। भारत में भी लोग हजारों की संख्या में सड़कों पर हैं। भोपाल में भी मुस्लिम समुदाय की रैली में फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बयान की निंदा की गई।
फ्रांस में हुए हमलों और मुस्लिम समुदाय के विरोध को लेकर इंडिया टीवी से खास बातचीत में पाकिस्तानी मूल के मुस्लिम स्कॉलर तारेक फतेह ने कहा कि इस समय इस्लाम जगत बंटा हुआ है। तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान अरब समूह से अलग हटकर बयान दे रहे हैं। मलेशिया के महातिर मोहम्मद हों या पाकिस्तान के इमरान खान, इनके बयान सिर्फ भावना भड़काने वाले हैं। बात यह फैलई जा रही है कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है। बल्कि सच बात तो यह है कि मुस्लिम ही मुस्लिम पर जुल्म कर रहे हैं।
मुसलमानों को फ्रांस में पूरी आजादी है। लोग चैन से जिंदगी गुजार रहे हैं। नमाज पढ़ रहे हैं। लेकिन गुंडागर्दी के लिए कहीं जगह नहीं है। कोई भी दीन धर्म किसी से बैर नहीं सिखाता है। भोपाल इंदौर और मुंबई में हो रहे विरोध को लेकर तारेक फतेह ने कहा, इतिहास गवाह है कि ताकतें लोगों को भड़काने का काम करती हैं। हम सभी को इन ताकतों का विरोध करना होगा।
उन्होंने कहा कि इस्लाम में मोहम्मद साहब की तस्वीर बनाना गुनाह है। लेकिन दूसरा अगर यह कर रहा है तो क्या हम उसका गला काट देंगे। यह सही नहीं है। भोपाल में यदि हत्यारों के समर्थन में नारे लगाएं तो उनका समर्थन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी को ध्यान में रखते हुए अपने आप में बदलाव करना जरूरी है। सड़क पर नमाज़ पढ़ना या लोगों को मुश्किल में डालना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।
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