तमिलनाडु गुटखा घोटाला: सीबीआई ने चार लोगों को गिरफ्तार किया
सीबीआई ने तमिलनाडु में गुटखा घोटाले में कथित तौर पर शामिल अन्नामलाई इन्डस्ट्री के दो प्रवर्तकों और निदेशकों को गिरफ्तार किया है।
नयी दिल्ली: सीबीआई ने तमिलनाडु में गुटखा घोटाले में कथित तौर पर शामिल अन्नामलाई इन्डस्ट्री के दो प्रवर्तकों और निदेशकों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने गुरूवार को बताया कि सीबीआई ने इसके प्रवर्तकों ए वी माधव राव और उमा शंकर गुप्ता सहित तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के डॉक्टर पी सेंथिल और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अधीक्षक एन के पांडियन को भी हिरासत में लिया है।
एजेंसी ने बुधवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर और राज्य पुलिस प्रमुख टीके राजेंद्रन के आवास सहित प्रांत के 35 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था। यह मामला जयम इन्डस्ट्री द्वारा अवैध , तंबाकू मिले पान मसाला...गुटखा की अवैध ब्रिकी से संबंधित है जिस पर तमिलनाडु सरकार ने 2013 में रोक लगा दी थी।
सीआई के प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘कंपनी के प्रवर्तकों/निदेशकों और बिक्री कर विभाग, सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग और संबंधित पुलिस अधिकारी सहित अन्य लोक सेवकों के आवासीय परिसरों पर छापे मारे गये।’’ एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंध के बावजूद जयम इंड्रस्ट्री के प्रवर्तक-निदेशक ए वी माधव राव, उमा शंकर गुप्ता और श्रीनिवास राव ने कथित तौर पर अधिकारियों, राजनेताओं और नियामक अधिकारियों को प्रभावित कर राज्य में एमडीएम ब्रांड के गुटके की बिक्री लगातार जारी रखी। उन्होंने कहा कि जयम इंड्रस्ट्री ने बिक्री के लिए नाम बदल कर अन्नामलाई इंड्रस्ट्री कर दिया।
इस घोटाले का खुलासा आठ जुलाई, 2017 को उस समय हुआ था जब आयकर विभाग के अधिकारियों ने तमिलनाडु में पान मसाला और गुटखा उत्पादकों के गोदामों, कार्यालयों और आवासों पर छापे मारे थे। गुटखा उत्पादकों पर 250 करोड़ रुपये की आयकर चोरी के आरोप हैं। छापेमारी के दौरान विभाग ने एक डायरी जब्त की थी जिसमें उन लोगों के नाम लिखे हुए थे जिन्हें गुटखा उत्पादकों ने कथित तौर पर रिश्वत दी थी। द्रमुक के एक नेता की याचिका पर इस साल अप्रैल में मद्रास उच्च न्यायालय ने सीबीआई को यह मामला सौंप दिया था।