भारत- चीन गतिरोध: कमांडर लेवल की हुई मीटिंग, भारत ने चीन से सेना और स्ट्रक्चर हटाने को कहा
भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी गतिरोध के बीच आज दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की वार्ता संपन्न हुई। यह वार्ता में एलएसी परचशूल के सामने चीन की तरफ मोल्दो में हुई।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी गतिरोध के बीच आज दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की वार्ता संपन्न हुई। यह वार्ता में एलएसी परचशूल के सामने चीन की तरफ मोल्दो में हुई। भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह-स्थित 14 कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया जबकि चीन की ओर से नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने की। य सूत्रों के मुताबिक भारत ने चीन से कहा है कि वह पैंगोंग झील से अपनी सेना और स्ट्रक्चर हटा ले।
इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक़ इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इससे पहले भी सात बार मिलिट्री लेवल बातचीत दोनो देशों की ब्रिगेडियर और मेजर जनरल रैंक ऑफ़िसर के साथ हो चुकी है।चार बार ब्रिगेडियर और तीन बार मेजर जनरल रैंक ऑफ़िसर के साथ ये बातचीत बेनतीजा निकली इसीलिए ये अहम बैठक आज हुई।
सूत्रों के मुताबिक़ इस बैठक में-पैंगोंग सोके फिंगर फ़ोर और फिंगर फ़ाइव में चाइनीज़ के बढ़ते हुए दबाव और उनके एक्स्ट्रा तैनाती के साथ चाइना का जो टेंट और कैंप के साथ परमानेंट स्ट्रक्चर बना है उसके बारे में पूरी गंभीरता से बातचीत की गई।इसमें साफ़ तौर पर कहा गया कि अप्रैल 2020 का स्टेटस को चीन मेन्टेन करे।
चीन की तरफ़ से कहा गया कि भारत कोई भी रोड कंस्ट्रक्शन नहीं कर सकता लेकिन भारतीय सेना के द्वारा साफ़ कर दिया गया दरअसल ये लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल में भारत की सीमा के अंदर है, इसलिए चीन का इस पर कोई भी हस्तक्षेप नहीं बनता।
भारत की तरफ़ से ये बात भी कही गई कि गोगरा पोस्ट,और गलवान नाले में चीनी सैनिकों की तैनाती को कम किया जाए और उनको अपनी जगह पर वापस भेजा जाए।इस इलाक़े में चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती भी पिछले दिनों कम की है और वह पीछे हटा है।
भारत में अपना कड़ा ऑब्जेक्शन भी ये ज़ाहिर किया कि चीनी सैनिक डंडों और कंटीली तारों के साथ भारतीय सेना के जवानों के साथ भिड़ गए।ये पूरी तरह से तय मानकों का उल्लंघन है। दोनों देशों ने अपने मतों को साफ़ तौर पर ज़ाहिर किया और एक पॉज़िटिव नोट पर इस मीटिंग को लंच के साथ ख़त्म किया गया।
भारतीय सेना के औपचारिक बयान के मुताबिक़ किसी भी तरह का अटकलबाजी बिलकुल ग़लत होगा और दोनों देश मिलिट्री और डिप्लोमेटिक तरीक़े से इस मसले को पूरी तरह से सुलझा सकते हैं इसके लिए और भी बैठकें की जाएंगी।
इस मीटिंग की पूरी रिपोर्ट नॉर्दन आर्मी कमांडर वाईके जोशी साथ में डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन और भारतीय सेना के चीफ़ एमएम नरवणे को दी जाएगी।इस मीटिंग का एक एक जानकारी पूरी तरह से शब्द दर शब्द इनको बताया जाएगा और फिर यही जानकारी मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर्स को औपचारिक तौर पर देते हुए इसकी पूरी रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय के साथ नेशनल सिक्युरिटी एडवाइज़र और प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी जाएगी। ये मीटिंग ज़रूर पॉज़िटिव नोट पर ख़त्म हुई है लेकिन अभी भी इसके ऊपर लगातार बातचीत की जाएगी ताकि 15 सौ से ज़्यादा किलोमीटर की लद्दाख की लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के दबदबे को कम करते हुए इस फेस ऑफ़ कंडीशन को ख़त्म किया जा सके।