बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में शनिवार की रात हुए छात्राओं पर लाठीचार्ज के मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए चीफ प्रॉक्टर ओएन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। वीसी जीसी त्रिपाठी ने मंगलवार को उनके इस्तीफे को मंजूर कर लिया। मंगलवार को कमीश्नर ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी, जिसमें उन्होंने घटना के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। जिसके बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने कुलपति को हटाने की मांग की है। (नीतीश के मंत्री का दावा, पीएम मोदी की सौभाग्य योजना बिहार मॉडल से प्ररित0
वाराणासी के कमिश्नर ने मुख्य सचिव को अपनी रिपोर्ट सौंपी। बीएचयू प्रशासन ने इस मामले की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नितिन गोकर्ण ने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को भेज दी है। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि बीएचयू प्रशासन ने पीड़िता की शिकायत पर संवेदनशील तरीके से गौर नहीं किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि समय रहते इस मामले को सुलझा लिया जाता तो इतना बड़ा विवाद खड़ा नहीं होता। विश्वविद्यालय के कुलपति जीसी त्रिपाठी ने इस मामले में अपना बचाव करते हुए कहा कि, उन लोगों पर कार्रावाई की गई जो विश्वविद्यालय की संपत्ति को जला रहे थे।
एक समाचार चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि छात्राओं पर कोई लाठचार्ज नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कैंपस में पेट्रोल बम फेंक रहे थे, पत्थरबाजी कर रहे थे। किसी भी छात्रा पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई का एक भी प्रमाण नहीं है। कुलपति ने बताया कि 23 सिंतबर को रात में 8.30 बजे जब में छात्राओं से मिलने के लिए उनके छात्रावास जा रहा था तब अराजक तत्वों ने रोककर पत्थरबाजी शुरू कर दी।
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