नई दिल्ली: भारत सरकार ने आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन के भारत विरोधी बयानों की निंदा करते हुए कहा है कि उसके भाषण ही उसके आतंकवादी होने का सबसे बड़ा सबूत है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अशोक प्रसाद ने कहा कि भारत बहुत पहले ही सलाहुद्दीन को आतंकवादी बता चुका है और अब अमेरिका ने भी उसके कामों के मुताबिक ही उसे वैश्विक आतंकवादी का माकूल तमगा दिया है। उन्होंने कहा कि सलाहुद्दीन की तकरीरों में इस्तेमाल हाने वाली भाषा भारत द्वारा उसे पहले ही आतंकवादी करार दिये जाने का सटीक प्रमाण है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सलाहुद्दीन को वैकि आतंकवादी का जो तमगा दिया है वह उसके लिये सर्वथा योग्य है।
प्रसाद ने कहा कि सलाहुद्दीन कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादियों को धन और अन्य संसाधन मुहैया कराने का अहम माध्यम रहा है। एक जुलाई को उसने सार्वजनिक तौर पर इस बात का ऐलान भी किया है कि वह उसके संगठन के पास भारत में हमले कराने की भरपूर क्षमता है। इससे पहले 27 जून को अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकवादी करार दिया।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में 71 वर्षीय सलाहुद्दीन ने एक सभा में कहा था कि हम आतंकवादी नहीं हैं, हमारा संघर्ष भारत से आजादी के मकसद से किया जा रहा है और कश्मीर की आजादी तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
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