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Hindi News भारत राष्ट्रीय जम्मू-कश्मीर: सैयद सलाउद्दीन के बेटों को सरकारी नौकरी से निकाला गया, आतंकवाद को लेकर हुई कार्यवाही

जम्मू-कश्मीर: सैयद सलाउद्दीन के बेटों को सरकारी नौकरी से निकाला गया, आतंकवाद को लेकर हुई कार्यवाही

अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाउद्दीन के बेटों पर कार्रवाई की खबर आ रही है। सलाउद्दीन के बेटे जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी में थे। सलाउद्दीन के दो बेटों को टेरर कनेक्शन में बर्खास्त किया गया है।

ग्लोबल आतंकी सैयद सलाउद्दीन- India TV Hindi Image Source : AP ग्लोबल आतंकी सैयद सलाउद्दीन

नई दिल्ली। आतंकी कनेक्शन और टेरर फंडिंग के मामले में जम्मू कश्मीर में बड़ी कार्रवाई की गई है। अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाउद्दीन के बेटों पर कार्रवाई की खबर आ रही है। टेरर फंडिंग केस की जांच में NIA को आरोपियों के खिलाफ अहम सबूत मिले थे जिसके बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने ये बड़ी कार्यवाही की है। आतंकी कनेक्शन और टेरर फंडिंग केस में जम्मू-कश्मीर सरकार ने ये बड़ी कार्यवाही की है।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकी कनेक्शन और टेरर फंडिंग केस में ग्लोबल आतंकी सैयद सलाउद्दीन के दोनों बेटों सैयद शकील अहमद और शादिर युसुफ समेत कुल 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। बता दें कि, शकील अहमद श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में काम करता था वहीं शाहिद युसूफ श्रीनगर में कृषि विभाग में काम करता था। 

जम्मू-कश्मीर सरकार ने सैयद सलाहुद्दीन के दोनों बेटों (सैयद शकील अहमद और शादिर युसुफ) समेत कुल 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। 4 कर्मचारी अनंतनाग, 3 कर्मचारी बडगाम, पुलवामा और बारामूला से एक-एक कर्मचारी को बर्खास्त किया गया है। बता दें कि, हिजबुल का चीफ सैयद सलाहुद्दीन 2017 से अमेरिका की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है। 

बता दें कि, सलाउद्दीन के दोनों बेटे जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी में थे। सलाउद्दीन के दो बेटों को टेरर कनेक्शन में बर्खास्त किया गया है। कुल 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है जिनमें सलाउद्दीन के दो बेटे भी शामिल है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को छापेमारी और पूछताछ में टेरर फंडिंग के सबूत मिले थे। 

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में राज्य की सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियों के संदेह में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (C) के तहत पास ऑर्डर से सरकार को अधिकार है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को बिना जांच कमेटी का गठन किए बर्खास्त किया जा सकता है। टास्क फोर्स में पुलिस, कानून और न्याय, विधायी विभाग के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।

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