जब विवेकानंद ने कहा था ‘एक और विवेकानंद चाहिए’ जानिए क्यों ?
स्वामी विवेकानंद अपना पूरा जीवन अपने गुरु गुरूदेव रामकृष्ण परमहंस को समर्पित कर चुके थे। स्वामी विवेकानन्द के ही प्रयासों से दुनिया को गुलाम भारत के इस अनमोल खजाने का पता चला जिसके बाद पूरे विश्व में शांति पाने के लिए भारत से सीखने की होड़ शुरु हो गई
swami vivekanand
जीवन के अंतिम दिन उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद की व्याख्या की और कहा "एक और विवेकानंद चाहिए, यह समझने के लिए कि इस विवेकानंद ने अब तक क्या किया है।"