नई दिल्ली: मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज के दोबार मंत्रिमंडल में शामिल होने या ना होने को लेकर स्थिति साफ हो गई है। वह शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन तो पहुंची लेकिन वहां पहुंचकर वह दर्षक दीर्घा में बैठीं। जिसका मतलब है कि वह इस मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होंगी। क्योंकि, मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सांसदों के बैठने की अलग जगह होती है।
सुषमा स्वराज को 2014 में बनी मोदी सरकार में विदेश मंत्रालय दिया गया था। स्वास्थ्य का हवाला देकर उन्होंने इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया था। 2009 में वह संसद में विपक्ष की नेता चुनी गई थीं, इस नाते वह भारत की 15वीं लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता रही हैं। इसके पहले भी वह केंद्रीय मंत्रिमण्डल में रह चुकी हैं और दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रही हैं।
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