नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को अपने अमेरिकी, चीनी, सिंगापुर, बांग्लादेशी और अफगानिस्तानी समकक्षों से बात की और उन्हें पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशक्षिण अड्डों पर तड़के किए गए हमलों के बारे में जानकारी दी। सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से फोन पर की गई बातचीत में स्वराज ने उन्हें हमले के पीछे का कारण समझाया और बताया कि खासतौर पर निशाना JeM का अड्डा था।
सूत्रों ने बताया कि उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी बात की और उन्हें ‘एहतियात के तौर पर आत्मरक्षा में किए गए असैनिक हमलों’ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वराज ने हमले को लेकर सिंगापुर, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अपने समकक्षों से भी बात की।
सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, विदेश सचिव ने अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन समेत सभी अहम देशों के राजदूतों को भी जानकारी दी गई है। श्रीलंका, मालदीव, अफगानिस्तान, भूटान, तुर्की और इंडोनेशिया को भी हवाई हमलों के बारे में जानकारी दी गई है।
बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले का बदला एयरफोर्स ने 25 फरवरी की रात में 26 फरवरी की सुबह के वक्त पाकिस्तान के बालाकोट में स्थिक JeM के ठिकानों को तबाह कर के लिया। वायुसेना की इस कार्रवाई में करीब 200 से 300 आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव विजय गोखले ने मंगलवार को इस बात कि पुष्टि की के भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में तडके सुबह जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंपों में से एक को तबाह कर दिया। विदेश मंत्रालय के मुताबिक बालाकोट के सबसे बड़े जैश ए मोहम्मद के शिविर में बड़ी संख्या में जैश आतंकवादियों, प्रशिक्षकों, वरिष्ठ कमांडरों का सफाया कर दिया गया है जिसमें मसहूद अजहर का भाई और साला भी शामिल है।
शिविर का नेतृत्व मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी करता था। वह मसूद अजहर का साला है और उन्होनें बताया कि यह कार्रवाई रिहायशी इलाके से दूर जंगलों में एक पहाड़ी पर हुई जहां यूसुफ अज़हर द्वारा जैश का आतंकी कैंप चलाया जा रहा था।
(इनपुट- भाषा)
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