नई दिल्ली: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में होली पर्व की पूर्व संध्या पर दो हिंदू किशोरियों का अपहरण करके उन्हें बलपूर्वक इस्लाम स्वीकार करवाने के समाचारों को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी के बीच बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया है।
स्वराज ने इस घटना के संबंध में मीडिया की रिपोर्ट संलग्न करते हुए ट्वीट किया कि उन्होंने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया से इस मामले पर रिपोर्ट भेजने को कहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस मामले की जांच के निर्देश जारी कर चुके हैं।
स्वराज के ट्वीट का उत्तर देते हुए चौधरी ने कहा, ‘‘मैम, यह पाकिस्तान का आंतरिक मसला है और लोगों को भरोसा है कि यह मोदी का भारत नहीं है जहां अल्पसंख्यकों पर नियंत्रण रखा गया है। यह इमरान खान का नया पाक है जहां हमारे झंडे का सफेद रंग हम सबको समान रूप से प्यारा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि जब भारतीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात आएगी तब भी इसी तत्परता से आप कार्रवाई करेंगीं।’’
इसके जवाब में सुषमा ने कहा कि उन्होंने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त से केवल एक रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा, ‘‘आपकी घबराहट के लिए यह पर्याप्त है। यह केवल यही दिखाता है कि आप अपराध बोध से ग्रसित हैं।’’
यह घटना सिंध प्रांत के घोटकी जिले में हुई जहां कुछ ‘रसूखदार’ लोगों के समूह ने होली त्योहार से एक दिन पहले दो लड़कियों का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया। अपहरण की घटना के बाद एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दिख रहा है कि एक मौलवी कथित तौर पर इन दो लड़कियों का निकाह (शादी) करवा रहा है। एक दूसरे वीडियो में, नाबालिग लड़कियां कह रही है कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम कुबूल कर लिया है।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इलाके में हिंदू समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किए और कथित अपराध को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। भारत पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय की दुर्दशा का मामला उठाता रहा है।
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