डिप्टी CM का पद लेकर BJP ने सुशील मोदी को दिया बड़ा गिफ्ट, बनाया राज्यसभा कैंडिडेट
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को राज्यसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है।
पटना/नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को राज्यसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। गौरतलब है कि बिहार में पूर्व की NDA सरकार में वह उपमुख्यमंत्री थे लेकिन इस बार उन्हें यह पद नहीं मिला था। ऐसे में अब भाजपा ने सुशील मोदी को बिहार राज्यसभा उपचुनाव का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बता दें कि यह सीट लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई थी।
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने बिहार राज्यसभा उपचुनाव में उम्मीदवार के तौर पर सुशील मोदी के नाम पर मुहर लगा दी है। भाजपा मुख्यालय की ओर से इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। प्रेस विज्ञप्ति में लिखा गया कि बिहार में होने वाले आगामी राज्यसभा उपचुनाव 2020 के लिए केंद्रीय चुनाव समिति ने सुशील मोदी के नाम पर स्वीकृति प्रदान की है। सुशील मोदी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने के साथ ही यह साफ होने लगा है कि बीजेपी अब चिराग पासवान से धीरे-धीरे दूरी बना रही है।
गौरतलब है कि LJP ने इस बार बिहार में NDA से अलग होकर चुनाव लड़ा था लेकिन चिराग पासवान पूरे चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही अपना नेता बताते रहे थे जबकि भाजपा उनसे कन्नी काटती नजर आई थी। ऐसे में अब रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा की सीट पर सुशील मोदी को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने एक बार फिर से इशारा कर दिया है कि भाजपा और LJP के रास्ते अलग हो गए हैं।
कौन है सुशील मोदी?
सुशील मोदी ने 1990 में सक्रिय राजनीति में आकर पटना सेंट्रल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वह 1995 और 2000 में भी विधानसभा का चुनाव जीते। सुशील मोदी 1996 से 2004 के बीच बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे थे। उन्होंने ही पटना हाई कोर्ट में लालू प्रसाद के खिलाफ जनहित याचिका डाली था, जिसके खुलासे के तौर पर चर्चित चारा घोटाला सामने आया।
2004 में सुशील मोदी ने भागलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। फिर जब 2005 में बिहार चुनावों में एनडीए को बहुमत मिला तो नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। इतनी ही नहीं, साथ में उन्हें वित्त मंत्रालय और कई अन्य विभाग भी दिए गए। 2010 में एनडीए फिर जीता, नीतीश फिर मुख्यमंत्री बने और सुशील मोदी फिर उपमुख्यमंत्री बने।
फिर 2013 में JDU और BJP अलग हो गए और सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री नहीं रहे लेकिन फिर जब 2017 में एक दोनों दल एक साथ आए तो फिर से सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि, इस बार इस साल हुए विधानसभा चुनाव में बिहार में 125 सीटों के साथ बहुमत से एक बार फिर एनडीए की सरकार बनी, लेकिन उप मुख्यमंत्री पर सुशील कुमार मोदी की जगह दो डिप्टी सीएम चुने गए।
भाजपा की तरफ से तारकेश्वर प्रसाद और रेणु कुमारी उपमुख्यमंत्री बने। जिसके बाद भाजपा की तरफ से संकेत दिए जाने लगे कि सुशील कुमार मोदी को राज्य की राजनीति से अब केंद्र की राजनीति में शिफ्ट करने की तैयारी है।