पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी को पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के कारण रिक्त हुई राज्यसभा सीट के उपचुनाव में नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि पर उच्च सदन के लिए सोमवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।
सुशील को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित कई अन्य लोगों की मौजूदगी में प्रमाणपत्र सौंपा गया। सुशील के अलावा केवल एक निर्दलीय उम्मीदवार श्याम नंदन प्रसाद ने नामांकन पत्र दाखिल किया था।
हालांकि, श्याम नंदन प्रसाद के नामांकन को जांच के दौरान खारिज कर दिया गया था क्योंकि नियम के तहत 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के कम से कम 10 सदस्यों द्वारा नामांकन के समर्थन में प्रस्ताव किया जाना अनिवार्य था। प्रसाद ने अपने प्रस्तावकों की सूची नामांकन के समय संलग्न नहीं की थी।
सुशील ने राज्यसभा के लिए अपने निर्विरोध निर्वाचन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, अपनी पार्टी भाजपा, विपक्षी दलों और उन सभी का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनके नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर किए थे।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा में वह जहां बिहार के मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे, वहीं केंद्र सरकार और उसके विभिन्न मंत्रालयों से बिहार को अधिक से अधिक मदद दिलाने की कोशिश भी करते रहेंगे।
सुशील मोदी ने निर्विरोध निर्वाचन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए विपक्ष का भी आभार जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री को विशेष तौर पर धन्यवाद देते हुए कहा कि नीतीश ने नामांकन और आज प्रमाणपत्र प्रदान किए जाने के दौरान उपस्थित होकर उनका हौसला बढ़ाया है।
सुशील मोदी ने कहा कि पार्टी ने उन्हें बिहार विधानसभा में मुख्य सचेतक, बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष, उपमुख्यमंत्री और भागलपुर से सांसद के तौर पर बिहार की जनता की सेवा करने का जो मौका दिया, उसके लिए वह कृतज्ञ हैं।
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