पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग की। मोदी ने आरोप लगाया कि चुनाव लड़ने के दौरान तेजप्रताप ने शपथपत्र में आयोग को सही जानकारी नहीं दी है।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले मोदी ने आयोग को सबूत के तौर पर कई दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान अपने शपथपत्र में तेजप्रताप ने औरंगाबाद की जमीन का कोई जिक्र नहीं किया है।
मोदी ने आयोग को दिए ज्ञापन में कहा है, "तेजप्रताप ने वर्ष 2010 में औरंगाबाद में 53 लाख रुपये में खरीदी गई 45 डिसमिल जमीन और उस पर बनी लारा डिस्ट्रीब्यूटर की बिल्डिंग, जिसमें हीरो होंडा का शोरूम चल रहा है, उसकी जानकारी शपथपत्र में जानबूझ कर छिपा लिया है।"
उन्होंने दावा किया है कि इस जमीन पर तेजप्रताप ने एक बैंक से 2.29 करोड़ रुपये का कर्ज भी लिया है। ज्ञापन में कहा गया है कि गलत शपथपत्र दाखिल करना केवल आपराधिक कृत्य ही नहीं, बल्कि भ्रष्ट आचरण भी है। इसके आरोप में निर्वाचन आयोग संविधान की धारा 324 के तहत अपनी असीमित शक्तियों का उपयोग करते हुए तेजप्रताप की सदस्यता रद्द करे। मोदी के साथ भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल, सांसद सतीश चंद्र दूबे और अधिवक्ता राजेश वर्मा भी थे।
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