नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि भारत अगले कुछ साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) की मदद से विनिर्माण क्षेत्र का जीडीपी में योगदान बढ़ाकर 20 प्रतिशत करना चाहती है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, ‘‘हमने आर्थिक विकास के लिए जो एक महत्वपूर्ण रणनीति बनायी है, उसमें विनिर्माण क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान बढ़ाकर कम-से-कम 20 प्रतिशत करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए आप कल्पना कर सकते हैं कि अगले कुछ साल में हमारा जीडीपी का आकार 5,000 अरब डालर होगा। इसमें 1,000 अरब डालर विनिर्माण से और इसमें से उल्लेखनीय हिस्सा लघु एवं मझोले उपक्रमों से प्राप्त करने का लक्ष्य है।’’
मंत्री ने यहां लघु एवं मझोले उद्यम सम्मेलन में कहा कि इसीलिए सरकार वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने और अवसर सृजित करने की कोशिश कर रही है। प्रभु ने कहा, ‘‘इस कड़ी में हमें अपने अफ्रीका के मित्र देशों, अन्य विकासशील देशों से सहयोग करने में खुशी होगी।’’
मंत्री ने कहा कि वैश्विक पुनरूद्धार दिख रहा है लेकिन अगर देशों ने छोटी राशि भी एसएमई में लगायी होती तो यह और तेजी से होता।
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