नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के शहीन बाग में पिछले दो महीनों से जारी धरने पर एतराज व्यक्त किया है। इस मामले से जुड़ी 2 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि कोई भी प्रदर्शन इतना लंबा नहीं चल सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोई भी प्रदर्शन लोगों को इतना लंबे समय तक परेशान नहीं कर सकता है। जस्टिस संजय किशन कौल, के एम जोसफ़ की बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदर्शन का अधिकार आम लोगों को है लेकिन धरना सार्वजनिक स्थान पर नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने इस संबंध में दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा है। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में इससे पहले कहा था कि वह शाहीन बाग में प्रदर्शनों के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई 10 फरवरी को करेगा क्योंकि वह मामले की शुक्रवार को सुनवाई करके दिल्ली विधानसभा चुनाव को ‘‘प्रभावित’’ नहीं करना चाहता। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को मतदान होगा। न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था, ‘‘ हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए। हम सोमवार को इस पर सुनवाई करेंगे। तब हम बेहतर स्थिति में होंगे।’’
जब याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को मतदान होना है तो पीठ ने कहा, ‘‘हम इसलिए ही तो कह रह रहे हैं कि सोमवार को आइए। हमें उसे प्रभावित क्यों करना चाहिए?’’ पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह सोमवार को इस बात पर बहस करने के लिए तैयार होकर आएं कि इस मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय को वापस क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए।
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