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Hindi News भारत राष्ट्रीय तबलीगी गतिविधियों से जुड़े विदेशियों को काली सूची में रखने के खिलाफ याचिका पर 29 जून को सुनवाई

तबलीगी गतिविधियों से जुड़े विदेशियों को काली सूची में रखने के खिलाफ याचिका पर 29 जून को सुनवाई

उच्चतम न्यायालय तबलीगी जमात की गतिविधियों में कथित रूप से शामिल होने के लिये भारत आये 35 देशों के करीब 2500 नागरिकों को काली सूची में रखने के सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर 29 जून को विचार करेगा।

Supreme Court, pleas, foreigners, Tablighi activities- India TV Hindi Image Source : PTI Supreme Court to hear on Jun 29 pleas against blacklisting of foreigners for alleged Tablighi activities

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय तबलीगी जमात की गतिविधियों में कथित रूप से शामिल होने के लिये भारत आये 35 देशों के करीब 2500 नागरिकों को काली सूची में रखने के सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर 29 जून को विचार करेगा। न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा कि वह याचिका की प्रतियां केन्द्र को उपलब्ध करायें। सरकार के दो अप्रैल और चार जून के आदेश के खिलाफ न्यायालय में थाईलैंड की सात माह की गर्भवती नागरिक सहित 34 व्यक्तियों ने चार याचिकायें दायर की हैं। 

इन आदेशों के तहत सरकार ने 2500 विदेशी नागरिकों को काली सूची में रख दिया है। ये सभी इस समय भारत में हैं। याचिका में सरकार के आदेश को नैसर्गिक न्याय के खिलाफ बताते हुये कहा गया है कि इस समय भारत में मौजूद इन विदेशियों को अपने बचाव में अपना पक्ष रखने का कोई अवसर दिये बगैर ही उन्हें सामूहिक रूप से काली सूची में रखने से संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त जीने और वैयक्तिक आजादी के अधिकार का हनन हो रहा है। याचिका के अनुसार सरकार ने विदेशी नागरिकों को काली सूची में रखने से पहले उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया था। 

याचिका में कहा गया है कि अचानक ही उन्हें काली सूची में शामिल करने और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने की वजह से उनके पासपोर्ट जब्त कर लिये गये हैं और इस वजह से उन्हें उनकी वैयक्तिक आजादी से वंचित किया जा रहा है। थाई महिला का कहना है कि उसे मई के अंत में पृथक-वास से छोड़ा गया, लेकिन अब भी वह प्रतिबंधित आवागमन वाले क्षेत्र में है और वह अपने देश लौटने के अवसर तथा अपनी संतान को गरिमा और संरक्षण के बीच जन्म देने के अनुभव से वंचित है।

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