नई दिल्ली: निर्भया मामले में चार मृत्युदंड के दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता द्वारा दायर की गई क्यूरेटिव पिटीशन पर सोमवार को सुनवाई करने के लिए जस्टिस एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने सुनवाई करेगी। पवन ने अपनी मौत की सजा को आजीवन कारावास की सजा देने की मांग की है। 2012 दिल्ली गैंगरेप का मामले में दोषी अक्षय ने भी फिर दया याचिका दाखिल की है। जिसमें उसने कहा है कि कोर्ट की तरफ से उसकी पहले खारिज की गई दया याचिका में सभी तथ्य नहीं थे। इस मामले पर अदालत ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों से कहा कि वह दोषी अक्षय कुमार द्वारा दिए गए एक आवेदन पर एक रिपोर्ट दायर करें, जिसमें मृत्यु वारंट पर रोक लगाने की मांग की गई है।
इससे पहले दोषी पवन कुमार ने फांसी से तीन दिन पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की और मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की थी। तीन अन्य दोषियों के साथ पवन कुमार के खिलाफ 3 मार्च के लिए डेथ वारंट जारी किया गया है। पवन कुमार के वकील ए.पी.सिंह ने कहा था कि अपराध के समय वह किशोर था और मौत की सजा उसे नहीं दी जानी चाहिए।
सिंह ने निचली अदालत द्वारा जारी डेथ वारंट के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग की थी। पवन कुमार एक मात्र दोषी है, जिसे अभी सभी कानूनी उपायों का इस्तेमाल करना है। इसमें एक क्यूरेटिव याचिका और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करना करना था।
मीडियाकर्मियों से बातचीत में सिंह ने कहा था कि पूर्व के निर्णयों में कई गलतियां रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि इन गलतियों को इस क्यूरेटिव याचिका के माध्यम से संशोधित किया जाएगा। उन्होंने कहा था, "हमारा मुख्य तर्क यह है कि अपराध के समय पवन एक संगीत कार्यक्रम में थे।"
इससे पहले मुकेश व विनय ने राष्ट्रपति के दया याचिका को खारिज करने के फैसले को अलग-अलग चुनौती दी थी, जिसे शीर्ष कोर्ट खारिज कर चुका है। अक्षय को भी दया याचिका के खारिज करने को चुनौती देना बाकी है।
Latest India News