नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के आरे क्षेत्र में पेड़ों को गिराये जाने के खिलाफ सोमवार को तत्काल सुनवाई के लिए विशेष पीठ गठित की है। शीर्ष अदालत ने पेड़ों को गिराये जाने के खिलाफ रिषव रंजन नामक शख्स के प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र के आधार पर रविवार को विशेष पीठ का गठन किया।
उच्चतम न्यायालय ने पत्र को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने का फैसला किया। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर तत्काल सुनवाई करने के बाबत नोटिस डाला गया है जिसके अनुसार, ‘‘संज्ञान लिया जाए कि मामले में कल सात अक्टूबर, 2019 को सुबह 10 बजे सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन किया गया है। महाराष्ट्र राज्य के आरे वन्य क्षेत्र में पेड़ गिराये जाने के संबंध में रिषव रंजन के छह अक्टूबर, 2019 के पत्र के आधार पर यह निर्णय लिया गया है और इस पत्र को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज किया गया है।’’
पर्यावरण कार्यकर्ता उत्तरी मुंबई की आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) द्वारा पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे हैं। मेट्रो की रेक का डिपो बनाने के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं। बंबई उच्च न्यायालय ने पेड़ काटने के मुंबई नगर निगम के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने शनिवार को पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
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