नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस नेता कमलनाथ के स्टार प्रचारक का दर्जा छीने जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग ने कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द कर दिया था। शनिवार को कमलनाथ ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सोमवार सुबह शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के पास यह अधिकार नहीं है। चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अगुवाई वाली पीठ से कहा कि यह मामला बेमतलब का रह गया है, क्योंकि चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है और 3 नवंबर को उपचुनाव होने हैं।
कमलनाथ का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने द्विवेदी द्वारा दी गई दलीलों का विरोध किया। सिब्बल ने कहा, "हमें कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था और यह मनमाना था।" चुनाव आयोग की खिंचाई करते हुए, मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "हम आपके आदेश पर रोक लगा रहे हैं।" प्रधान न्यायाधीश ने चुनाव आयोग से पूछा, एक उम्मीदवार को स्टार प्रचारक या पार्टी के एक नेता को जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 77 के तहत नेतृत्व करने से रोकने की शक्ति आपको किसने दी?
द्विवेदी ने कहा, "हम जवाब दाखिल करेंगे।" पीठ ने चुनाव निकाय को जवाब दाखिल करने के लिए कहा और कहा कि जब तक जवाब नहीं आ जाता, तब तक उसके आदेश पर रोक लगाई जाती है। 31 अक्टूबर को, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों के लिए प्रचार करते समय आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा उनका स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द करने पर इसके आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
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