नई दिल्ली: कोरोना महामारी की वजह से देश भर में स्कूलों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद किया गया था। कुछ राज्यों ने कक्षा 9 से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू करने के साथ ही स्कूल खोल दिए थे, लेकिन कुछ राज्य स्कूल को खोलने के पक्ष में नहीं हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) को आदेश दिया कि कोविड-19 के मद्देनजर कंटेनमेंट जोन को छोड़कर, देश भर के आंगनवाड़ी केंद्रों को खोलने पर 31 जनवरी तक फैसला लें।
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रदान किए जाने वाले पोषण संबंधी मानक गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और कुपोषण से पीड़ित बच्चों तक पहुंचे। शीर्ष अदालत ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भी इस संबंध में 31 जनवरी तक निर्णय लेने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्यों को अपने संबंधित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों से परामर्श करने के बाद ही आंगनवाड़ियों को खोलने की व्यवस्था करनी चाहिए।
बता दें कि बच्चों और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भोजन और समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। याचिका में आंगनबाड़ी केंद्रों को दोबारा खोलने की मांग की गई थी, जिन्हें कोरोना के चलते बंद कर दिया गया है।
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