नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश के पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मिली मंजूरी में कथित अनियमितताओं के संबंध में 23 अगस्त को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश होने को कहा। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि कार्ति चिदंबरम के साथ उनके वकील होंगे, लेकिन जिस कमरे में कार्ति से पूछताछ होगी, उनके वकील को उससे सटे दूसरे कक्ष में बिठाया जाएगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है। ये भी पढ़ें: अमेरिका में बना सबसे बड़ा हिंदू मंदिर? जानिए दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर का सच
कोर्ट में कार्ति ने कहा, 'कोर्ट में आने से नहीं डरता लेकिन मुझे सुरक्षा की जरूरत है।' विदेश जाने से रोकने वाला ये नोटिस आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी क्लियरेंस देने में हुए भ्रष्टाचार के केस में जारी किया गया है। मद्रास हाई कोर्ट ने नोटिस पर रोक लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा बहाल कर दिया है। इसके चलते कार्ति फ़िलहाल विदेश नहीं जा सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति को CBI के सामने पेश होकर जांच में सहयोग करने की सलाह दी थी।
उल्लेखनीय है कि कार्ति चिदंबरम पर मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में लुक आउट सर्कुलर के लिए अर्जी दी थी। इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस पर अंतरिम रोक लगा दिया था।
आईएनएक्स मीडिया मामले में गृह मंत्रालय के तहत आने वाले विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी और आव्रजन ब्यूरो ने कार्ति के खिलाफ 16 जून को नोटिस जारी किया था। कार्ति ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में लुक आउट नोटिस रद करने की मांग की और इसे केंद्र सरकार की बदले की कार्रवाई बताया। यह मामला आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी मिलने में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा हुआ है। उस समय पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे।
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